Maharashtra Election: मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा, रेस में फडणवीस सबसे आगे
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति की प्रचंड विजय के बावजूद फिलहाल मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने अंदरखाने निर्णय किया है कि इस बार मुख्यमंत्री उनका ही होगा। स्वाभाविक नेता के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम रेस में सबसे आगे है। भाजपा ने सहयोगी शिवसेना व एनसीपी के लिए पहले की तरह दो डिप्टी सीएम का फार्मूला तय किया है।
सरकार गठन के फार्मूले पर सहयोगियों से चर्चा और उन्हें भरोसे में लेने के लिए फडणवीस के साथ मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे तथा एनसीपी प्रमुख अजित पवार को रविवार रात दिल्ली बुलाया गया। तीनों नेताओं की गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा होगी। उधर, मुंबई में एनसीपी विधायक दल की बैठक में पवार को नेता चुना गया वहीं शिवसेना ने महायुति में बातचीत व नेता पद चयन के लिए सीएम शिंदे को अधिकृत किया है।
भाजपा विधायक दल की बैठक अभी नहीं हुई है। सूत्रों का कहना है कि सरकार के गठन के फार्मूलों पर चर्चा व सहमति के बाद ही भाजपा और महायुति विधायक दल की बैठक होगी। प्रदेश में मंगलवार तक नई सरकार गठन होना है। चुनाव में बड़ी जीत के बाद महायुति के नेताओं की ओर से यही कहा जा रहा है कि सीएम का फैसला तीनों दलों के नेता मिल-बैठ कर लेंगे।
रविवार को भी महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने यही बात दोहराई लेकिन शिवसेना विधायक दिलीप केसरकर ने कहा कि हम चाहते हैं अच्छी सरकार चलाने वाले एकनाथ शिंदे फिर से सीएम बनें लेकिन महायुति के नेता जो भी फैसला लेंगे वह महाराष्ट्र के हित में होगा। एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने जरूर कहा कि फडणवीस सीएम बनते हैं तो उनकी पार्टी को कोई ऐतराज नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार भी सीएम बन सकते हैं, उनका स्ट्राइक रेट भी अच्छा है।
मंगलवार तक शपथ ग्रहण ग्रहण की बाध्यता नहीं!
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल मंगलवार को खत्म हो रहा है। आदर्श संवैधानिक व्यवस्था के तहत उससे पहले नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए। अब तक भाजपा की अपनी और महायुति की संयुक्त विधायक दल की बैठक की तारीख भी तय नहीं की गई है। महायुति के घटक दलों में मंत्री पदों के बंटवारे पर भी निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में महायुति के पास विकल्प है कि वह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों की शपथ मंगलवार को कराकर अन्य मंत्रियों की शपथ बाद में कराए।
हालांकि, महायुति और महाराष्ट्र विधानमंडल सूत्रों ने पुराने उदाहरणों के साथ दावा किया कि मंगलवार तक ही नई सरकार के गठन की संवैधानिक बाध्यता नहीं है इसलिए 26 नवंबर को आधी रात के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की आशंका गलत है। सूत्रों ने दावा किया कि प्रदेश में 10वीं से 14वीं विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ था।
इन फार्मूलों पर भी हुई चर्चा
- देवेंद्र सीएम, एकनाथ नहीं तो बेटा व अजित डिप्टी सीएम: भाजपा की ओर से फडणवीस सीएम होंगे व शिवसेना व एनसीपी को डिप्टी सीएम पद ऑफर होगा। एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम पद के लिए सहज नहीं होंगे तो वे सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे को आगे कर सकते हैं। इससे एकनाथ शिंदे राज्य की राजनीति में बेटे को स्थापित करने का दांव चल सकते हैं। अजित पवार बतौर डिप्टी सीएम सरकार में नंबर 2 की भूमिका में स्वत: आ जाएंगे।
- देवेंद्र की राष्ट्रीय भूमिका तो ओबीसी-मराठा पर दांव: फडणवीस के लिए अगर पार्टी नेतृत्व ने राष्ट्रीय भूमिका सोची तो राज्य में मराठा या किसी ओबीसी चेहरे पर दांव खेला जा सकता है। एकनाथ शिंदे के रूप में भाजपा मराठा सीएम बना चुकी है तो इस बार ओबीसी चेहरे को आगे कर सकती है। ऐसा हुआ तो ओबीसी चेहरे सुधीर मुनगंटीवार का नाम आ सकता है। मराठा चेहरे पर राधाकृष्ण पाटिल प्रमुख दावेदार होंगे।