बिलासपुर हाइकोर्ट का बड़ा फैसला, आरक्षकों के 5967 पदों पर चल रही भर्ती पर लगी रोक, जानें वजह
हाइकोर्ट ने आरक्षक संवर्ग 2023- 24 के अलग-अलग पदों पर होने वाली भर्तियों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इस प्रक्रिया के तहत राज्य के अलग अलग जिलों में आरक्षकों के अलग-अलग पदों पर भर्तियां होने वाली थीं। जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद रोक लगाई है।
बेदराम टंडन ने याचिका दायर कर बताया था कि यह आरक्षक संवर्ग के तहत राज्य के सभी जिलों में अलग अलग पदों पर भर्ती होनी थी। इसमें याचिकाकर्ता के पुत्र ने राजनांदगांव में होने वाले कांस्टेबल जीडी (जनरल ड्यूटी) के लिए आवेदन दिया था। राजनांदगांव जिले में इस केटेगरी के तहत 143 पद जारी किए गए थे।लेकिन विज्ञापन जारी होने और फॉर्म भरने के बाद डीजी पुलिस ने सचिव को इस नियुक्ति प्रक्रिया में पुलिस विभाग में कार्यरत एक्स सर्विसमैन कर्मचारियों के बच्चों को छूट देने संबंधी पत्र लिखा था।
अपने कर्मचारियों के बच्चों को फिजिकल टेस्ट में छूट देना भेदभाव
पत्र में सुझाव देते हुए लिखा गया था कि, भर्ती नियम 2007 कंडिका 9(5) के तहत भर्ती प्रक्रिया के मापदंडों को शिथिल किया जा सकता है। जिसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान सीने की चौड़ाई और ऊंचाई जैसे कुल 9 पॉइंट्स शामिल थे। अवर सचिव ने इस सुझाव को स्वीकार भी कर लिया।
जिससे आहत होकर याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा की, केवल अपने विभाग के कर्मचारियों को छूट देना साफ तौर पर आम नागरिकों के साथ भेदभाव है। इसलिए इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। पूरे मामले में वकील की ओर से प्रस्तुत दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरक्षक संवर्ग 2023-24 के अलग अलग पदों पर होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि, क्योंकि नियमों को शिथिल करने का लाभ सभी पदों पर मिलता इसलिए सभी पदों पर होने वाली भर्ती पर रोक लगा दी गई है।