She News: तीन पीढ़ियों से हरमन का परिवार शूटिंग के प्रति समर्पित
सरिता दुबे. रायपुर का सेंडो परिवार शूटिंग के लिए ऐसा समर्पित है कि इस परिवार के हरमन सिंह सेंडो, इस खेल में तीसरी पीढ़ी है। उनका अब नेशनल टीम में चयन हो चुका है और छत्तीसगढ़ के पहले शूटर हैं, जिन्होंने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल प्रतियोगिता में अपना नाम दर्ज कराया है। हरमन छत्तीसगढ़ प्रदेश रायपुर एसोसिएशन के बैनर तले प्रैक्टिस करते हैं। इस एसोसिएशन की ओर से खेलने वाले हर प्रतिभागी को आर्थिक मदद भी मिलती है।
हरमन का इंडिया की ट्रायल टीम में चयन हो चुका है, जिसमें 6 ट्रायल होने थे। हरमन उस समय 10वीं की परीक्षा दे रहे थे। इस कारण दो ट्रायल नहीं दे पाए। 11वीं और 12वीं कक्षा में पहुंचे तो उस समय शूटिंग छूट गई थी, लेकिन शूटिंग के प्रति जुनून कम नहीं हुआ। 12वीं पास करने के बाद फिर से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की और प्री नेशनल में चयनित होकर अब नेशनल खेलने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें अपनी मेहनत पर पूरा विश्वास है कि एक न एक दिन वह अपने सपने को जरूर पूरा करेंगे।
खेल धैर्य और एकाग्रता को बढ़ाता
हरमन के पिता कहते है कि इस खेल से व्यक्ति के अंदर धैर्य और एकाग्रता आती है, जिससे उसका व्यक्तित्व निखरता है। मेरे बेटे को जब मैं देखता हूं तो लगता है कि यह अपनी उम्र के बच्चों से बहुत अलग है, क्योंकि मैंने उसे कभी भी बहुत उत्तेजित होते नहीं देखा। मैं हर पेरेंट्स को यह सलाह देता हूं कि डिजिटल युग में बच्चों को खेलों की ओर जरूर प्रोत्साहित करें, ताकि उनके अंदर धैर्य और एकाग्रता जैसे गुण पनपें।
दादा भी नेशनल खेल चुके हैं
हरमन के पिता रविंदर सिंह कहते हैं कि मेरे पापा सुखदेव सिंह सेंडो भी शूटर रहे और साल 1971 के युद्ध के दौरान उन्हें राइफल मिली थी। उन्होंने नेशनल भी खेला है। पापा के बाद मैं भी इस गेम से जुड़ा लेकिन में नेशनल तक नहीं पहुंच पाया। मगर अब मेरा बेटा नेशनल पहुंच गया है और मुझे पूरा भरोसा है कि वह इंडिया के लिए खेलेगा।