She News: परिस्थितियां स्थाई नहीं होती, संघर्ष करें
राधाबाई कॉलेज में सोमवार को लोक नायक बिरसा मुंडा की जयंती मनाई गई। महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा जशपुरिया मांदर गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री की पत्नी कौशिल्या देवी साय ने कहा कि जनजातीय आदिवासी समाज अपने अतीत को संभाल कर रखे।
21वीं सदी नारी का है, लेकिन हमें मर्यादित आचरण करना चाहिए। नारी के बिना समाज का कोई अस्तित्व नहीं है। आदिवासी समाज प्रकृति को मानता है। जन-जन को मानने वाले ही जनजातीय हैं। भारतीय संस्कृति हमें अपने कर्तव्यों का बोध कराती है। हमें अपनी संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। परिस्थितियां स्थाई नहीं होती। संघर्ष करें और आगे बढ़ें। मुख्य वक्ता रामनाथ कश्यप ने कहा कि अंग्रेजों ने भारतीय और जनजाति संस्कृति को कुचलने का काम किया। जनजातियों की प्राचीन समृद्ध वैदिक संस्कृति रही है। वर्तमान भारत के निर्माण में भारतीय जनजातीय समाज ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। अतीत से लेकर वर्तमान तक इन जनजातीय समाजों का गौरवशाली इतिहास है। इस समाज ने कर्मठता, सहजता, सरलता और सत्य निष्ठा के लिए विश्व में ख्याति अर्जित की है।
ये रहे विजेता
निबंध में रुमा मरकाम और अपर्णा पाण्डेय, पॉट सजाओ प्रतियोगिता में डिम्पी मटियारा एवं श्वेता शर्मा, दीया सजाओ में डिम्पी मटियारा, ग्रीटिंग कार्ड प्रतियोगी में चित्रलेखा चक्रधारी, पोस्टर प्रतियोगिता रुमा। सांत्वना पुरस्कार यामिनी नेताम।