न बैंड-बाजा न किसी प्रकार का दिखावा, संविधान की शपथ लेकर हुई शादी
भारतीय परिवार में शादी की रस्मों का बड़ा महत्व होता है, लेकिन ग्राम कापू में युवक-युवती ने शादियों में होने वाले खर्च एवं रूढ़ियों का त्याग कर संविधान की शपथ लेकर शादी की और समाज के सामने अलग मिसाल पेश की। इस शादी की सबसे खास बात ये रही कि इसमें किसी भी तरह की वैवाहिक रस्में नहीं हुईं।
उनकी इस पहल की पूरे अंचल में सराहना की जा रही है। शादी के 48 घंटे बाद भी दम्पती को बधाई देने का सिलसिला जारी है। ग्राम कापू के रहने वाले यमन लहरे और प्रतिमा महेश्वरी ने बताया कि एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान संविधान की शपथ लेकर दांपत्य जीवन में बंधने का प्रस्ताव रखा था, जिसे समाज के प्रतिनिधियों ने स्वीकार कर लिया।
इस दौरान न बैंडबाजा था और न कोई दिखावा। दम्पती का कहना है कि उनकी नजर में भारत का संविधान ही उनका भगवान है। दोनों ने इस तरह की अनूठी शादी करने का पहले से ही सोच रखा था।