Nari Shakti: रिसर्च से अपने राज्य के हर्बल संसाधनों को पहचान दिलाने में जुटीं प्रियंका
टी हुसैन. छत्तीसगढ़ को हर्बल स्टेट कहा जाता है, क्योंकि यहां के जंगलों में औषधीय पौधों की प्रचुरता है, जो कुल क्षेत्रफल का 44 फीसदी हिस्सा घेरते हैं। इन हर्बल संसाधनों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए प्रियंका पांडे ने रिसर्च शुरू की है। उनका दावा है कि उन्होंने बबूल की पत्तियों से एक ऐसी दवा तैयार की है, जो डायबिटीज के मरीजों के घावों को जल्दी भरने में मदद कर सकती है। यह दवा घावों को तेजी से ठीक करने के साथ एंटीबायोटिक्स की जरूरत को भी कम कर सकती है।
प्रियंका कहती हैं कि शुगर के मरीजों को सबसे बड़ी समस्या उनके घावों के न भरने की होती है, लेकिन हर्बल दवा से इसमें राहत दी जा सकती है। प्रियंका ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ को हर्बल राज्य का दर्जा दिए हुए वर्षों हो गए हैं, पर हर्बल पर अभी तक अधिक रिसर्च नहीं हुई है।
प्रियंका ने एंटी मॉस्किटो प्रोजेक्ट पर रिसर्च किया है। वह कहती हैं कि उन्होंने ऐसे बैक्टीरिया पर रिसर्च की है, जिसका भोजन ही मच्छर और उसके अंडे हैं। उन्होंने दावा किया है कि इस रिसर्च से राज्य को मॉस्किटो फ्री स्टेट बनाया जा सकता है। खासतौर पर ऐसे इलाके जहां मलेरिया का प्रकोप ज्यादा है, वहां इसका लाभ देखने को मिल सकता है। वह रिसर्च से लोगों की समस्याओं को हल करना चाहती हैं।
इस क्षेत्र में आएं महिलाएं प्रियंका कहती हैं कि महिलाओं को रिसर्च के क्षेत्र में आगे आना चाहिए, क्योंकि यह उन्हें न केवल एक पहचान दिलाता है, बल्कि समाज और देश के लिए कुछ करने का एक अवसर भी देता है। रिसर्च आपके अंदर न केवल नॉलेज, बल्कि सकारात्मकता भी लेकर आती है।