महापौर और अध्यक्षों की खर्च की सीमा तय, आरक्षण के बाद कभी भी लग सकती है आचार संहिता

नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग आरक्षण के बाद कभी भी आचार संहिता लगा सकता है। बीते मंगलवार को शासन ने आचार संहिता के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। साथ ही बुधवार को राज्य शासन ने नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्षों के चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा भी तय करने का आदेश भी जारी कर दिया गया।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर नगर पालिका निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में महापौर-अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के लिए खर्च की अधिकतम सीमा तय की। राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श से प्रत्याशियों के लिए खर्च की अधिकतम सीमा तय की गई है।

ये है खर्च की सीमा तय

5 लाख से अधिक आबादी वाले नगर पालिक निगम के लिए महापौर-अध्यक्ष के लिए 25 लाख

3 लाख से 5 लाख की आबादी वाले निगम के लिए 20 लाख

तीन लाख से कम आबादी वाली निगम के लिए 15 लाख रुपए

50 हजार या उससे अधिक आबादी वाले नगर पालिका परिषद में महापौर-अध्यक्ष के लिए 10 लाख

50 हजार से कम आबादी वाली नगरपालिका परिषद के लिए खर्च की सीमा 8 लाख रुपए

नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए 6 लाख रुपए अधिकतम।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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