निकाय चुनाव EVM से कराने की तैयारी, कांग्रेस बोली- बिना ईवीएम के बीजेपी कोई नहीं चुनाव नहीं जीत सकती..
प्रदेश में नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर कई तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इस बार संकेत मिल रहे हैं कि नगरीय निकाय के चुनाव बैलेट पेपर की जगह ईवीएम से कराएं जाएंगे। प्रशासनिक और राज्य निर्वाचन आयोग में भी इसकी तैयारी शुरू होने की चर्चा है। बताया जाता है कि भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में इस पर सहमति भी बन चुकी हैं। यदि ऐसा होता है, तो सरकार को इसके लिए अध्यादेश लाएगी। इस खबर के साथ ही ईवीएम पर अब सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस पर सरकार पर निशाना साधा है।
इसके पहले ईवीएम से होते आए थे चुनाव
बता दें कि 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बैलेट पेपर से नगरीय निकाय चुनाव कराया था। इसके पहले तक नगरीय निकाय ईवीएम से होते आए थे। अब साय सरकार ने इस नियम में बदलाव करने की तैयारी है। बताया जाता है कि इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग प्रस्ताव बनाकर राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। आयोग के परीक्षण के बाद विधि विभाग की अनुमति मिलने पर अध्यादेश जारी किया जाएगा।
हार से घबरा कर ईवीएम से करा रहे चुनाव: कांग्रेस
इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ वातावरण है। भाजपा को पता है कि बिना ईवीएम के वह कोई चुनाव नहीं जीत सकती है। पहले स्थानीय निकायों के चुनाव बैलेट पेपर से कराने की घोषणा उसके बाद यू-टर्न लेकर नगरीय निकायों के चुनाव ईवीएम से कराने का निर्णय बताता है कि भाजपा चुनाव से घबरा रही है। ईवीएम से चुनाव कराने का फैसला भाजपा प्रबंध समिति की बैठक के बाद आया मतलब बैठक में मंथन हुआ कि भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती इसीलिए ईवीएम से चुनाव कराने का निर्णय ले लिया गया।