She News: लोगों की सेहत का ध्यान रख रही हैं ‘मिलेट मां’
स्वाद के चक्कर में हम अपनी सेहत से समझौता कर रहे हैं। जो हम खा रहे हैं वह सेहत के लिए ठीक है या नहीं, इस बारे में संशय बना रहता है। इस मुद्दे ने रायपुर ( छत्तीसगढ़) की कविता देव की जिन्दगी बदल दी। मैथ में गोल्ड मेडलिस्ट कविता ने कभी नहीं सोचा था कि वह खेती करेंगी और सब्जियां उगाएंगी, लेकिन अपने बच्चों की सेहत की चिंता के कारण उन्होंने यह काम शुरू किया। 45 वर्षीय कविता बताती हैं कि वे पहले अपने बच्चों को बाजार की सब्जियों-फलों का जूस पिलाती थीं, लेकिन एक दिन देखा कि इन सभी में कैमिकल मिला हुआ है। उसी दिन से उन्होंने फल-सब्जियों की जैविक खेती शुरू कर दी। बाद में मिलेट की खेती भी शुरू की।
लोगों ने कहा मिलेट मां
वह कहती हैं कि जब वह मिलेट्स से जुड़ी कक्षाएं लेती थी तो कोई उन्हें उनके नाम से बुलाता तो कोई टीचर कहता। एक दिन स्टूडेंट्स ने कहा कि आप हमारी सेहत की परवाह करती हैं। इसलिए आप हमारी मां हैं। तभी से लोग मुझे ‘मिलेट मां’ के नाम से बुलाने लगे। अब वे आसपास के इलाके में इसी नाम से लोकप्रिय हैं।
शुरू की ऑर्गेनिक खेती
कविता बताती हैं कि कोरोना काल में लोगों की इम्यूनिटी पर गहरा असर पड़ा था। इस कारण भी मैंने बाजार से लाई जाने वाली सब्जियों की बजाय घर में 2020 में जमीन लेकर ऑर्गेनिक खेती शुरू की। फल-सब्जियों के साथ मिलेट्स उगाने शुरू किया। मिलेट्स के उत्पाद बनाए और लोगों को उनकी विशेषता बताई। अभी तक मैंने हजारों लोगों को मिलेट्स के प्रति जागरूक किया है। कविता कई तरह की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए मिलेट्स डाइट प्लान भी तैयार करती हैं। वह मिलेट्स प्रोडक्ट बनाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन कुकिंग क्लास भी लेती हैं।