She News: प्रकृति रक्षक: दंपती का वन्यजीवों के लिए समर्पण

प्रकृति के करीब रहने के शौक ने चेन्नई के पॉलमथी और विनोद को पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिशा दी। 40 वर्षीय पॉलमथी व उनके पति विनोद ने पक्षियों और तितलियों पर शोध करते हुए पाया कि वन्यजीवों के आवासों को बचाने के लिए काम करने की जरूरत है। वह कहती हैं कि 2010 में मुझे अमरीका में काम करने का मौका मिला। चार साल वहां रहकर मैंने और विनोद ने जंगली फूलों पर काम किया। 2014 में भारत आकर प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण को अपना उद्देश्य बना लिया। दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ कर वन्यजीवों के आवास संरक्षण का काम शुरू किया।
कुटकी संरक्षण था पहला प्रयास
वह कहती हैं कि हिमाचल में औषधीय फूल कुटकी को संरक्षित करना हमारा पहला प्रोजेक्ट था। फिर 2022 में एक फाउंडेशन की शुरुआत कर वन विभाग और कन्याकुमारी के प्राकृतिक अभयारण्य के साथ मिलकर आवास बहाली परियोजनाओं और संरक्षण के लिए काम शुरू किया। कन्याकुमारी वन्यजीव संरक्षण के लिए स्कूलों व सरकारी अधिकारियों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं शुरू की।
मिला ग्रीन चैंपियन अवॉर्ड
वह कहती हैं कि हमने श्रीलंका के क्रिमसन रोज तितलियों के प्रवास को देखा और एक शोध पत्र तैयार किया। उन्होंने बताया कि कन्याकुमारी जैव विविधता वाला है क्षेत्र है, लेकिन यहां पक्षियों और अन्य प्रजातियों की कोई आधिकारिक सूची नहीं है। इसलिए इसके दस्तावेजीकरण का काम कर रहे हैं। उनके काम के लिए उन्हें सरकारी स्तर पर दो बार ग्रीन चैंपियन अवॉर्ड भी मिल चुका है।