Nari Shakti: पिता चाहते थे पहलवान बने सुरुचि.. लेकिन किस्मत को कुछ और था मंजूर

नई दिल्ली. भारत की युवा पिस्टल शूटर सुरुचि सिंह पेरू के लीमा में आयोजित आइएसएसएफ विश्व कप में दो स्वर्ण पदक जीतकर इन दिनों काफी चर्चा में हैं। लेकिन शुरुआत में उनके पिता इंदर सिंह चाहते थे कि उनकी बेटी कुश्ती में भाग्य आजमाए। सेना से रिटायर इंदर सिंह अपने चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) की लोकप्रियता से काफी प्रभावित थे, जिन्होंने डेफलंपिक्स में कई स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे। हरियाणा कुश्ती और मुक्केबाजी का गढ़ भी माना जाता है, लेकिन सुरुचि अपने पिता के इस विचार से सहमत नहीं थी। उन्हें किसी और खेल में भाग्य आजमाना था। पिता ने काफी तलाश के बाद 13 साल की उम्र में सुरुचि को शूटिंग की ट्रेनिंग के लिए भिवानी भेज दिया।
कोविड-19 के दौरान गांव में किया अभ्यास
कोरोना महामारी के दौरान सुरुचि को ट्रेनिंग छोड़कर अपने गांव सासरोली लौटना पड़ा। लेकिन उनके पिता इंदर ने सुनिश्चित किया कि इस दौरान ट्रेनिंग ना रुके। गांव में एक शूटिंग एरेना है, जिसे कारगिल युद्ध का हिस्सा रहे अनिल जाखड़ चलाते हैं। सुरुचि ने वहां अपनी ट्रेनिंग जारी रखी।

मनु भाकर ने भी की सराहना
18 साल की सुरुचि भिवानी की गुरु द्रोणाचार्य शूटिंग एकेडमी में ट्रेनिंग करती हैं। इसी एकेडमी से ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर भी निकली हैं। संयोग देखिए कि सुरुचि ने मनु को पीछे छोड़कर महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में खिताब जीता है। सुरुचि ने लगातार दूसरी बार इस स्पर्धा में विश्व खिताब जीता है। मुकाबले के बाद मनु ने सुरुचि की सराहना करते हुए कहा कि इस उम्र में भी उनका धैर्य गजब का है। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करेंगी।
अब ओलंपिक में पदक जीतते देखना है: इंदर
सुरुचि के पिता ने कहा, मुझे विश्वास है कि अगर वह ऐसे ही मेहनत करती रही तो एक दिन उसका ओलंपिक में पदक जीतने का सपना भी जरूर पूरा होगा। इंदर सिंह ने कहा, हर खिलाड़ी ओलंपिक, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक जीतना चाहता है, सुरुचि की भी यही ख्वाहिश है। वह बचपन से इसी कोशिश में लगी है कि कैसे देश का नाम रौशन किया जाए।
जीतू राय ने दिए थे उपयोगी टिप्स
लीमा में विश्व कप में दो स्वर्ण पदक जीतने के बाद सुरुचि ने इसका श्रेय दिग्गज पिस्टल शूटर और कोच जीतू राय को दिया। सुरुचि ने कहा, जीतू सर ने मुझे कुछ व्यक्तिगत सुझाव दिए, जिनसे मुझे यहां काफी मदद मिली। मैंने उनकी सलाह मानी और यहां सफल रही। जीतू राय ने भी बताया कि दिल्ली के करणी सिंह शूटिंग रेंज में 15 दिवसीय अभ्यास शिविर के दौरान मैंने सुरुचि को बारीकी से देखा और कुछ सुझाव उसे दिए जिसका उसे फायदा मिला। वह बहुत अच्छी शिष्य साबित हुई है।