10वीं-12वीं के इन छात्रों को पहली बार मिलेगा बोनस अंक, होगा उल्लास कार्यक्रम

रायपुर. प्रदेशभर के स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में काम करने वाले 10वीं और 12वीं के छात्रों को पहली बार बोनस अंक प्रदान किया जाएगा। छात्रों ने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवी शिक्षक बनकर प्रदेशभर के हजारों निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का काम किया है, जो राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा में सफल भी हुए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग नेे स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में काम करने वाले 10वीं और 12वीं के करीब 7000 छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बोनस अंक देने के लिए चिन्हित किया है। इसमें 10वीं और 12वीं के क्रमश: 3500-3500 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। विद्यार्थियों को 10-10 अंक बोनस अंक प्रदान किया जाएगा। उल्लास कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पांडेय ने बताया कि निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने वाले 7000 विद्यार्थियों को चिन्हित किया गया है।
एक लाख स्वयंसेवी शिक्षक बनाने का लक्ष्य
उल्लास कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी निरक्षर को 2030 तक साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष प्रदेशभर के 10 लाख निरक्षर को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित है, इसमें 15 वर्ष अधिक आयु वर्ग के निरक्षर को शामिल किया गया है। साक्षर बनाने के लिए 1 लाख स्वयंसेवी शिक्षक बनाने का भी लक्ष्य है। सभी शिक्षार्थियों का बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान आकलन परीक्षा द्वारा देशव्यापी परीक्षा वर्ष में दो बार सितंबर और मार्च में आयोजित की जा रही है।