इस महीने बुद्ध पूर्णिमा सहित अनेक पर्व, जानिए कब कौन तिथि में मनाया जाएगा त्योहार

बिलासपुर. मई माह की शुरुआत गुरुवार से हो गई है। इस समय भले ही बड़े त्योहार नहीं है, लेकिन पूरे माह में व्रत पर्व और विभिन्न महर्षियों, देवताओं के जन्मोत्सव की धूम रहेगी। इस दौरान शहर में धार्मिक उत्साह का नजारा दिखाई देगा। पूरे माह में अनेक व्रत पर्व आएंगे, श्रद्धालु व्रत रखेंगे और पूजा अर्चना करेंगे। महिलाओं का बड़ा व्रत पर्व वट सावित्री इसी माह मनाया जाएगा। इसी प्रकार शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए विशेष फलदायी मानी जाने वाली शनि जयंती भी मई में रहेगी। इसी प्रकार बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भी मई में मनाया जाएगा।

13 मई से ज्येष्ठ माह की भी शुरुआत हो जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इस माह में गर्मी चरम पर रहती है। ऐसे में ज्येष्ठ माह में मंदिरों में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए विशेष जतन होंगे। शीतलाष्टमी पर्व पर 20 मई को शहर के विभिन्न मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाएंगे। कुछ स्थानों पर प्याऊ की भी व्यवस्था की जाएगी।

घर को गंगाजल से जरूर करें शुद्ध

गंगा सप्तमी के दिन घर में गंगाजल लाना और गंगाजल से घर को शुद्ध करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है। परिवार में सकारात्मकता आती है। घर का वातावरण शुद्ध होता है। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

खरीदारी: रवि पुष्य योग का संयोग

इस बार मई में खरीदारी के लिए बेहद शुभ माने जाने वाले रवि पुष्य योग का संयोग भी रहेगा। 4 मई रविवार को पुष्य नक्षत्र रहेगा। यह दिन सभी प्रकार की खरीदारी के लिए बेहद खास रहेगा। मई माह में शादियों की भी धूम रहेगी, ऐसे में यह विशेष संयोग बेहद शुभ होगा।

वैशाख शुक्ल सप्तमी 3 मई शनिवार को गंगा सप्तमी मनाई जाएगी। इसे त्रिपुष्कर, शिववास, पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र एवं रवियोग विशेष बना रहे हैं। इस दिन गंगा के स्मरण, दर्शन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति, यश-समान में वृद्धि व सभी पापों का क्षय, अशुभ ग्रहों के कुप्रभाव में कमी के साथ सकारात्मकता आती है।

ज्योतिषाचार्य जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान, व्रत-पूजा और दान का विशेष महत्व है। जो लोग किसी कारण से गंगा स्नान नहीं कर सकते, वे घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। इससे भी तीर्थ स्नान का ही पुण्य मिलता है। सप्तमी तिथि 3 मई को सुबह 07.51 बजे से लेकर 4 मई को सुबह 7.18 बजे तक रहेगी। गंगा सबसे पवित्र नदी है। यह भी माना जाता है कि इसके पानी से व्याधियां दूर होती हैं।

जानिए, कब कौन तिथि में मनाया जाएगा पर्व

6 मई जानकी नवमी 8 मई मोहिनी एकादशी 9 मई प्रदोष व्रत 12 मई बुद्ध पूर्णिमा 20 मई शीतला अष्टमी 23 मई अपरा एकादशी 24 मई प्रदोष व्रत 25 मई नौतपा आरंभ 27 मई वट सावित्री व्रत 29 मई रभा तीज

ज्येष्ठ माह की शुरुआत

2 मई आदि शंकराचार्य जयंती

3 मई- रामानुजाचार्य जयंती

5 मई- मां बगलामुखी जयंती

14 मई- महर्षि नारद जयंती

27 मई- शनिदेव जयंती

29 मई- महाराणा प्रताप जयंती

गंगा सप्तमी आज, पांच विशेष योग में होंगे पूजन

गंगा स्नान, व्रत-पूजा और दान-पुण्य का विशेष महत्व

पूरे महीने व्रत पर्व के साथ ही विभिन्न महर्षियों, देवताओं के जन्मोत्सव की रहेगी धूम

वट सावित्री व शनि जयंती भी इसी माह

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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