महिला सशक्तीकरण: महिलाओं को सक्षम होने के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा

झुझुनूं जिले की चिड़ावा पंचायत समिति के बुडानिया गांव की बेटी सरोज कुमारी ने न सिर्फ कानून व्यवस्था को मजबूती दी, बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी मिसाल कायम की हैं। गुजरात के बोटाद जिले में एसपी रहते हुए जिस्मफरोशी के दलदल से कई महिलाओं को निकाला और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। उज्ज्वला योजना के तहत 45 से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा।

इन महिलाओं ने कभी भी वापस इस रास्ते को नहीं अपनाया। उनके अभियान ‘समझ स्पर्श की’ को पूरे गुजरात में लागू किया गया है। वर्ष 2018 से शुरू इस अभियान को आज भी चलाया जा रहा है। इससे बच्चों में सही-गलत की समझ विकसित हो रही है। वह कहती हैं कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के बल पर आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हें। सरोज कुमारी यूपीएससी परीक्षा पास कर 2011 बैच की आइपीएस अधिकारी बनीं। हर रोज उन्हें पढ़ाई के लिए 7 किमी पैदल चलना पड़ता था। वर्तमान में वह वडोदरा रेलवे पुलिस कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं।

सोशल मीडिया सिक्योरिटी जरूरी

वह कहती हैं कि आज महिलाओं के साथ डिजिटली घटनाएं वैसे ही हो रही हैं जैसे कि पहले फिजिकली होती थीं। आज की जरूरत है सोशल मीडिया पर बने रहना, लेकिन अपनी पर्सनल चीजों को शेयर करने से बचें, सावधानी रखें। उन महिलाओं के साथ घटनाएं ज्यादा हो रही हैं जो हर चीज को अपडेट करती हैं। सोशल मीडिया के फायदे बहुत हैं लेकिन कई बार नुकसान भी हो जाता है।

एक महिला आईपीएस होने के नाते मुझे अक्सर पीड़ित महिलाओं के साथ बातचीत करना होता है। मैंने महसूस किया है कि महिलाएं अगर आत्मनिर्भर हैं, आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो उनके साथ अच्छा व्यवहार होता है। अगर गलत व्यवहार होता भी है तो लड़ाई लड़ने में भी सक्षम होती हैं। लेकिन जो महिला आर्थिक रूप से संपन्न नहीं है तो उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मेरा कहना है कि हर महिला को आत्मनिर्भर बनना चाहिए। इसके लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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