B.Sc Nursing Admission: जीरो परसेंटाइल से बीएससी नर्सिंग में मिलेगा प्रवेश, 30 नवंबर है लास्ट डेट
प्रदेश के 8 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की बीएससी नर्सिंग की सीटें भर चुकी हैं, लेकिन 122 निजी कॉलेजों की 4775 सीटें खाली हैं। इसलिए डीएमई कार्यालय ने इन सीटों को भरने के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) को पत्र लिखकर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देने की मांग की है। साथ ही प्रवेश की तारीख 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर करने की मांग की है। दरअसल, ये पिछले 5 वर्षों का ट्रेंड रहा है कि निजी कॉलेजों में सीटें बचने पर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश होता रहा है। यही नहीं, कभी-कभी 12वीं बायोलॉजी के आधार पर भी छात्राओं को प्रवेश दिया गया है।
निजी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी कोर्स के तहत एडमिशन का बुरा हाल है। तीसरे राउंड के बाद भी 122 कॉलेजों में 66.12 फीसदी सीटें खाली हैं। पिछले सत्र का एडमिशन इस साल 29 फरवरी तक चला था। तब आखिरी तारीख 30 नवंबर थी, लेकिन ढाई माह बाद अचानक आईएनसी ने 29 फरवरी की तारीख तय कर दी थी। इसके बाद भी बीएससी नर्सिंग की 900 से ज्यादा सीटें खाली रह गईं। डीएमई डॉ. यूएस पैकरा ने आईएनसी के सेक्रेटरी को पत्र लिखकर निजी नर्सिंग कॉलेजों के अलग-अलग संघों के पत्र का हवाला देते हुए जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देने की गुजारिश की है। इसमें एक गुट ने 24 सितंबर, दूसरे गुट ने 27 नवंबर व तीसरे गुट ने 17 अक्टूबर को खाली सीटों का हवाला देते हुए डीएमई से जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देने की मांग की थी। निजी कॉलेजों की मांग पर आईएनसी को ये पत्र लिखा गया है। पत्रों की तारीख देखने से लग रहा है कि निजी कॉलेज संघ जीरो परसेंटाइल से प्रवेश की मांग के लिए पहले से ही तैयार बैठे थे।
इसलिए दीजिए छूट
डीएमई ने आईएनसी को लिखे पत्र में कहा है कि व्यापमं की एंट्रेंस एग्जाम में 14421 अभ्यर्थी कम परसेंटाइल के कारण एडमिशन के लिए अपात्र ठहराए गए हैं। इसलिए वे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी नहीं कर पा रहे हैं। ये छात्र विभिन्न निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए भी संपर्क कर रहे हैं। ये आईएनसी के क्राइटेरिया पीसीबी में 40 व 45 फीसदी क्राइटेरिया को पूरा भी करते हैं। पिछले सालों में एंट्रेंस एग्जाम में शामिल सभी छात्रों को प्रवेश का मौका दिया गया है। हैल्थ साइंस विवि के सेमेस्टर परीक्षा में इन्होंने अच्छे अंक भी प्राप्त किए हैं। आदिवासी बहुल इलाकों की छात्राएं मुश्किल से 12वीं पास करती हैं और नर्सिंग कोर्स कर नर्स बनना चाहती हैं। दिवाली की छुट्टियों को देखते हुए प्रवेश की तारीख बढ़ाने की जरूरत है।
मापअप राउंड के बाद कॉलेज वाले भरेंगे सीटें
मापअप राउंड के बाद आखिर में स्ट्रे राउंड होगा। इसमें कॉलेज स्वयं सीटें भरेंगे। डीएमई कार्यालय आखिरी राउंड के लिए काउंसलिंग नहीं करता है। स्ट्रे राउंड में आरक्षण का नियम भी खत्म हो जाता है। तब अनारक्षित छात्रों से खाली सीटों को भरने का नियम है। पिछले साल कुछ निजी कॉलेजों ने 61 अपात्र छात्राओं को भी प्रवेश दे दिया गया था, जिसे डीएमई कार्यालय ने रद्द किया था। ये सोचने वाली बात है कि जीरो परसेंटाइल के बाद भी कॉलेज ऐसी गड़बड़ी क्यों कर रहे हैं? दरअसल डीएमई कार्यालय ने प्रवेश की एक-एक सीट की बारीकी से जांच की थी। तब इसमें कॉलेजों का गड़बड़झाला सामने आया था।