Anuya Prasad: स्वर्ण पदक जीतकर 17 वर्षीय अनुया ने दुनिया को बता दिया.. इरादें मजबूत तो जीत पक्की
Anuya Prasad: भले ही मैं सुन-बोल नहीं सकती, पर अपने लक्ष्य पर निशाना तो साध सकती हूं। इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही हैं जयपुर की अनुया प्रसाद। 17 वर्षीय अनुया ने दुनिया को दिखा दिया कि इरादों में मजबूती हो तो कोई भी शारीरिक कमी आपको बांधें नहीं रख सकती। उन्होंने हाल में जर्मनी में आयोजित वर्ल्ड डेफ शूटिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है।
माता-पिता की आंखों में छलके खुशी के आंसू
जब अनुया ने यह पदक जीता तो वह अपने माता-पिता के गले मिलीं। मंच पर तीनाें करीब आधे घण्टे तक एक-दूसरे के गले लग कर रोते रहें। उनके माता-पिता को यकीन नहीं हुआ कि उनकी बेटी ने सीधे गोल्ड पर निशाना साधा है। उसके बाद परिवार नॉर्मल हुआ, जब जाकर अवॉर्ड सेरेमनी हो सकी।
कड़ी मेहनत ने दिलाई सफलता
अनुया के माता-पिता दोनों ही बोल और सुन नहीं सकते। जब बेटी के रूप में अनुया ने उनके घर जन्म लिया तो परिवार एक नन्हीं सी परी को पाकर काफी खुश था, लेकिन दो साल बाद जब पता चला कि अनुया भी माता-पिता की तरह सुन नहीं सकती तो पूरा परिवार सदमें में आ गया, हर किसी को इस बात का दुख था।
हालांकि कई लोगों ने मजाक भी बनाया। पर अनुया के माता-पिता ने तय किया कि उन्होंने जो सहन किया है, वैसा व्यवहार वे अनुया के साथ नहीं होने देंगे। उन्होंने उसका एडमिशन एक अच्छे स्कूल में करवाया। अनुया को स्कूल से काफी सपोर्ट मिला। अनुया ने शूटिंग की ट्रेनिंग और प्रैक्टिस के लिए कड़ी मेहनत की और इसी का परिणाम है वह इस मुकाम पर पहुंची। अनुया का स्कोर नॉर्मल खिलाड़ियों की तरह ही होने के कारण वह नॉर्मल कैटेगरी में खेलना चाहती हैं। पढ़ाई में हमेशा से ही होशियार रहीं अनुया अभी विजुअल आर्ट्स प्रोग्राम की पढ़ाई कर रही हैं।