DMF Scam: निलंबित आईएएस रानू साहू और रोशन चंद्राकर की जमानत याचिका खारिज

डीएमएफ घोटाले में जेल भेजी गई निलंबित आईएएस रानू साहू और कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल भेजे गए राइस मिल एसोसिएशन के तात्कालीन कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की जमानत को कोर्ट ने खारिज कर दिया। दोनों प्रकरणों का फैसला ईओडब्ल्यू की विशेष न्यायाधीश ने बुधवार को सुनाया। बचाव पक्ष ने रानू साहू की ओर से तर्क प्रस्तुत करते हुए विशेष न्यायाधीश को बताया कि डीएमएफ घोटाले में उनके पक्षकार को परेशान करने के लिए गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। जांच एजेंसी ने एक साल पहले एफआईआर दर्ज करने के बाद किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की। इस घोटाले ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद रिहा होने की संभावना को देखते हुए प्रोडक्शन वारंट पर कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराई गई। इसके बाद गिरफ्तार कर पूछताछ के 3 से 9 मार्च तक रिमांड पर लिया गया। जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग करने के साथ ही गवाहों और साक्ष्य को प्रभावित नहीं करेंगी। अभियोजन पक्ष ने रानू साहू की ओर से पेश किए गए तर्क का विरोध करते हुए कहा कि डीएमएफ घोटाले में वित्तीय अनियमितता हुई है। निविदा दिए जाने के एवज में 40 फीसदी तक कमीशन लिए जाने के प्रथम दृष्टया इनपुट मिले हैं।
अवैध वसूली की रकम से रानू ने स्वयं और रिश्तेदारों के नाम बेहिसाब चल-अचल संपत्ति खरीदी। जमानत दिए जाने पर पूरी जांच प्रभावित हो सकती है। वहीं, कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल भेजे गए रोशन चंद्राकर की ओर से उनके अधिवक्ता ने दलील पेश करते हुए कहा कि छापेमारी के दौरान उनके पक्षकार के ठिकानों से किसी भी तरह के आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिले थे। प्रदेश में राइस मिल पूर्व की तरह ही चल रही है।
जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़ंत है। जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग करेंगे। अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि 2021-22 में रोशन चंद्राकर कोषाध्यक्ष के पद पर रहते हुए 20 रुपए प्रति क्विंटल अवैध वसूली करते थे। इसमें से अपना हिस्सा रखने के बाद मार्कफेड एमडी और सिंडीकेट में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचाया जाता था। अवैध वसूली से अर्जित बेनामी संपत्तियों के संबंध में जांच चल रही है। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
न्यायिक रिमांड 2 अप्रैल तक बढ़ी
डीएमएफ घोटाले में जेल भेजे गए रानू साहू, सौम्या चौरसिया. सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज कुमार द्विवेदी की न्यायिक रिमांड को 14 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। इसकी अवधि पूरी होने पर 2 अप्रैल को प्रकरण की सुनवाई होगी। ईओडब्ल्यू की विशेष न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को रानू, माया और मनोज को कोर्ट में पेश किया गया था। इस प्रकरण में जेल भेजे गए सभी 5 आरोपियों की न्यायिक रिमांड समाप्त होने पर अभियोजन पक्ष ने अदालत में तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। इसे देखते हुए सभी की न्यायिक रिमांड को बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे विशेष न्यायाधीश ने स्वीकार करते हुए 2 अप्रैल तक के लिए आगे बढ़ा दिया।