1 अप्रैल से बैंकिंग, यूपीआई और टैक्स से जुड़े नियम बदलेंगे, एक्सपर्ट से जानें फायदें, नुकसान
कल से नए वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही बैंकिंग और टैक्स से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। इसका असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। एक्सपर्ट से जानते हैं फायदे, नुकसान..

1 अप्रैल 2025 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने वाली है। वैसे तो हर महीने की शुरुआत में ही कई नियम बदलते हैं, लेकिन नए वित्त वर्ष की शुरुआत से काफी कुछ बड़ा बदलाव होता है। बैंकिंग और टैक्स से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं। बदलाव आम लोगों की जेब और वित्तीय योजनाओं पर असर डाल सकते हैं। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही बैंकिंग, टैक्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं। यह बदलाव एटीएम से पैसे निकालने, यूपीआई ट्रांजैक्शन, बचत खाते, क्रेडिट कार्ड, टैक्स नियमों और डीमैट अकाउंट से जुड़े हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए नियमों के तहत अब कोई भी ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से महीने में सिर्फ तीन बार ही मुफ्त में पैसे निकाल सकेगा।
क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स में कटौती होगी
एसबीआई और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक समेत कई बैंकों ने क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स और अन्य लाभों में कटौती की है। स्वीगी और विस्तारा क्लब जैसी सेवाओं पर मिलने वाले रिवॉर्ड पॉइंट्स भी कम कर दिए गए हैं। क्रेडिट कार्ड के जरिए बिल आदि का भुगतान पर पर प्वाइंट्स मिलते थे। अब उनके लाभ का दायरा सीमित कर दिया गया है।
म्यूचुअल फंड में केवायसी अनिवार्य
सेबी के नए नियमों के अनुसार, सभी निवेशकों को अपने केवायसी और नॉमिनी विवरण को अपडेट करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो डीमैट अकाउंट फ्रीज किया जा सकता है। यदि पैन और आधारलिंक नहीं हैं, तो डिविडेंड और कैपिटल गेन पर टीटीएस ज्यादा कटेगा। इतना ही नहीं, टैक्स रिफंड में भी देरी होगी।
बैंकों में डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई का अधिक इस्तेमाल किया जाएगा। अब टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और पावर्ड चैटबॉट्स के जरिए बैंकिंग सेवाएं ज्यादा सुरक्षित और आसान होंगी। यूपीआई का उपयोग करने वाले इन बदलाओं के दायरे में सीधे आएंगे।
निष्क्रिय यूपीआई खाते होंगे बंद
अगर किसी ग्राहक का यूपीआई अकाउंट लंबे समय से निष्क्रिय है, तो बैंक उसे बंद कर सकता है। इससे यूपीआई ट्रांजैक्शन प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए समय-समय पर यूपीआई अकाउंट का उपयोग करते रहना चाहिए।
1 अप्रैल 2025 से विदेश में पढ़ रहे बच्चों के लिए फीस या अन्य खर्चो के लिए 10 लाख रुपये तक भेजते हैं तो कोई टीडीएस नहीं देना होगा। चिकित्सा और शिक्षा के लिए विदेश में 7 लाख रुपये से ज्यादा भेजने पर 5 प्रतिशत का टीडीएस देना पड़ता था।
करदाताओं को छूट: नए वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने बजट में टैक्स से जुड़े कई ऐलान किए थे। न्यू इनकम टैक्स रिजिम के अंतर्गत अभी 7 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है। लेकिन अब यह सीमा बढ़ाई गई है।
नए नियमों का पालन करेंगे तो नुकसान नहीं होगा
सीएम विशाल दुल्हानी ने कहा कि आरबीआई और सेबी के नए नियमों का पालन करेंगे तो नुकसान नहीं होगा। फाइनेंशियल ईयर में बदल रही गाइड लाइन को समझना होगा फिर उसके अनुसार लेन-देन व अन्य काम करेंगे तो फायदे में रहेंगे।