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अमेरिका में फर्राटे भरती है ‘भिलाई’, सुनकर चौंकिए नहीं, पढ़कर करेंगे तारीफ

इस्पात नगरी भिलाई में पले-बढ़े वरिष्ठ इंजीनियर एमवी रामानंद चार दशक से अमेरिका में रहने के बावजूद अपने बचपन के शहर को नहीं भूले हैं। भिलाई को याद करने अनूठी पहल की है। जिसकी वजह से अमेरिकावासियों को भिलाई के नाम से रूबरू होने का मौका मिल रहा है। रामानंद पिछले दिनों अल्प प्रवास पर भिलाई आए थे।

तब उन्होंने इस पर विस्तार से बात की। वे अमेरिका में कैलिफोर्निया के अरवैन में रहते हैं। उनकी स्पोर्ट्स कार में ‘भिलाई-1’ दर्ज है और इसी नंबर प्लेट के साथ अमेरिका की सड़कों पर फर्राटे भरते हैं।

अमेरिकी कानून की वजह से मौका मिला ‘भिलाई’ दिखाने का

रामानंद बताते हैं कि अपने इस कार से वह अक्सर घंटों और मीलों सफर तय करते हैं। कहीं न कहीं कोई न कोई भारतीय और भिलाईयन मिल जाता है। ऐसे लोग मेरी कार की नंबर प्लेट देखकर रुकते हैं और बात करते हैं। कई बार लोग नंबर प्लेट देखकर चौंक जाते हैं और भिलाई के बारे में पूछते हैं। इससे मुझे दिली खुशी मिलती है। रामानंद ने बताया कि मेरे पिता एमबी वरदराजन 1957 में भिलाई ज्वाइन किए थे।

यहां से उच्च तकनीकी प्रशिक्षण के लिए तत्कालीन सोवियत संघ भी गए। पिता को सेक्टर-10 और बाद में सेक्टर-5 में के स्ट्रीट-40 में मकान 5 ए अलॉट हुआ। मेरी माता सरोजा एक गृहिणी थीं। 1973 में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ा। आईआईटी प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 1979 में आईआईटी बनारस हिंदु विश्वविद्यालय में हो गया। मैनें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के डिफेंस प्रोजेक्ट में 4 साल सेवा दी। फिर 1988 में अमेरिका चला गया। वहां मैं प्रोडक्ट डेवलपमेंट में ज्यादा काम करता हूं।

अपनी कार में ‘भिलाई’ दर्ज करवाने के संबंध में रामानंद ने बताया कि मैनें अक्टूबर 2019 में स्पोर्ट्स कार खरीदी थी। तब अमेरिकी कानून के हिसाब से मुझे अपने भिलाई को अनूठे तरीके से याद करने का मौका मिला। अमेरिका में आप अपने वाहन की नंबर प्लेट को अपनी पसंद से कस्टमाइज करवा सकते हैं।

इसमें वहां के स्थानीय आवंटित नंबर के साथ आप कोई नाम देना चाहें तो दे सकते हैं। मैनें कैलिफोर्निया प्रशासन को अपने वाहन की नंबर प्लेट पर ‘भिलाई’ दर्ज करवाने आवेदन दिया। मैं उस वक्त हैरान रह गया, जब मेरा आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि ‘भिलाई’ किसी और ने रजिस्टर करवा रखा है। उसका मुझे अभी तक पता नहीं चल पाया है। फिर मैनें आवेदन में सुधार करते हुए इसे ‘भिलाई-1’ कर दिया और मुझे अनुमति मिल गई।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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