7 फेरे के बाद अचानक उल्टी करने लगी दुल्हन, पेट में दर्द से मचा हड़कंप, जानिए पूरा मामला
शादी घर में खाना खाने से 30 बरातियों की तबीयत बिगड़ गई। आनन फानन में मध्यरात्रि ही मरीजों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। मरीजों का तुरंत इलाज शुरु किया गया। दूसरे दिन मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
दूल्हा-दुल्हन समेत परिवार वाले करने लगे उल्टी
ग्राम खदौड़ा खुर्द रबेली से साहू परिवार के लोग जिनके घर में उनकी सुपुत्री का विवाह कार्यक्रम संपन्न हो रहा था और बाराती आए हुए थे। गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि 2.30 बजे उनके घर के बच्चे और अन्य ग्रामीण बच्चे, महिलाएं अचानक उल्टी करने लगे और पेट दर्द की शिकायत करने लगे। इसमें दूल्हा-दुल्हन भी शामिल थे। परिजनों द्वारा आनन-फानन में स्वयं के साधन से सभी प्रभावितों को जिला चिकित्सालय लाया गया। मरीजों को उपलब्ध बिस्तर के अनुरुप अलग-अलग वार्ड में भर्ती किया। चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ ने तुरंत ईलाज शुरु किया। लगभग 30 मिनट के भीतर सभी मरीजों को आराम मिलना प्रारंभ हो गया।
समस्या अभी समाप्त नहीं हुई थी क्योंकि ग्राम खड़ौदा खुर्द से खबर आ रही थी की और मरीज हैं जो उक्त समस्या से प्रभावित हैं और उन सभी को भी त्वरित उपचार प्रदान किया जाना हैं, लेकिन सभी मरीजों के लिए जिला अस्पताल में बेड की कमी थी। ऐसे में की प्रभावितों उनके घर में ही ईलाज करने का फैसला किया। अर्बन पीएचसी कवर्धा में पदस्थ आरएमए शिव गोपाल से संपर्क कर रैपिड रिस्पॉन्स के लिए पीएचसी रबेली के प्रभारी से संपर्क किया। रेपिड रिस्पॉन्स टीम को विवाह घर पहुंचने के लिए निर्देशित किया। रात करीब 3 बजे प्रभावित परिवार के घर पहुंचे। तुरंत ही घर में ईलाज प्रारंभ किया। सभी को उपचार मिलने लगा तो सभी ने राहत की सांस ली। सभी मरीजों को लगभग आधे घंटे के भीतर आराम मिलने लगा और सुबह 6 बजे तक छुट्टी कर दी गई और घर में विवाह का बचा कार्यक्रम संपन्न हुआ।
गांव में दो दिनों का शिविर लगाया
टीम द्वारा ग्राम खड़ौदाखुर्द में लगभग 12 लोगों को इंजेक्शन और ड्रिप लगाकर उपचार किया गया। वहीं पंचायत भवन में अस्थाई कैंप लगाकर अन्य प्रभावितों के लिए चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की गई। शुक्रवार को मितानिनों के माध्यम से घर-घर जाकर जानकारी ली गई और लोगों को कैंप की सूचना दी गई। वहीं मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर बीएल राज द्वारा उक्त ग्राम में स्थिति के नियंत्रण के लिए दो दिवस के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाने आदेशित किया गया।