बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री पद भी छोड़ा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सौंपा इस्तीफा पत्र
नवनिर्वाचित सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आज मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि एक दिन पहले ही बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दिया था, वहीं आज कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री पद भी छोड़ दिया है। अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
इस्तीफे के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, एक नई पारी की शुरुआत कर रहा हूं। आप सभी का प्यार और दुलार मिलता रहेगा। मैं रायपुर दक्षिण की जनता से माफी मांगता हूं। मुझे विधायक का पद नई दायित्व के साथ छोड़ना पड़ा है। मैं संसद में जनहित के मुद्दों को उठाता रहूंगा। केंद्र में मंत्री नहीं बन पाने का मुझे मलाल नहीं है।
चाहते तो बने रह सकते थे मंत्री
सांसद चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज अचानक मंत्री पद से इस्तीफा देकर सभी का चौंका दिया है। अगर वे चाहते तो 6 महीने तक मंत्री पद पर बने रहते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बता दें कि संविधान में इस बात का अधिकार दिया है कि कोई व्यक्ति बिना विधायक बने 6 महीने तक मंत्री रह सकता है। अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से ऐसे दो-तीन उदाहरण है, जब बिना विधायक के मंत्री रहे हैं। हालांकि उन्हें छह महीने के भीतर चुनाव जीतना होता है। नियमों के तहत वो एक ही पद पर रह सकते हैं। उनके पास इस्तीफा देने के लिए 18 जून तक का समय था। अब वे 24 जून से संसद के नए सत्र में शामिल होने दिल्ली जाएंगे।