Nari Shakti: गुरु मंत्र को जीवन का आधार बनाकर सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं
साल 2015 में जब मैंने शूटिंग सीखने की शुुरुआत की थी, तब यह नहीं सोचा था कि इस क्षेत्र में कॅरियर की इतनी ऊंची उड़ान भरने का मौका मिलेगा। यह कहना है शूटर श्रेया अग्रवाल का। सीखने का दौर शुरू हुआ तो कोच निशांत नाथवानी ने शुरुआत से ही शूटिंग की बारीकियों को समझाना शुरू कर दिया। गुरु मंत्र को जीवन का आधार बनाया और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। श्रेया बताती है कि गुरु ने उनके हुनर को और बेहतर किया हैां श्रेया 24 साल की उम्र से ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी हैं, वहीं 21 इंटरनेशनल मेडल पाकर देश को गौरवान्वित कर चुकी हैं। लगातार अभ्यास और परिश्रम से ही उन्होंने अपनी मंजिल पाई है।
पढ़ाई और खेल दोनों जरूरी हैं
श्रेया का कहना है कि जीवन में खेल और पढ़ाई समान रूप से जरूरी हैं। खासतौर पर बेटियों को खेल के क्षेत्र में जरूर बढ़ाना चाहिए। वे कहती हैं कि विदेशी जमीन पर खड़े होकर देश के लिए मेडल जीतना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक होता है।
अब तक 55 मेडल उन्हें मिल चुके हैं… श्रेया ने अब तक 55 मेडल जीते हैं और इंडिया की टॉप 10 एयर राइफल्स शूटर लिस्ट में पहले नंबर पर रही हैं। उनके नाम 18 राष्ट्रीय और 15 राज्य स्तरीय मेडल हैं। 2020 टोक्यो ओलंपिक में भी भाग लिया और एकलव्य अवॉर्ड भी मिला है।
2017 में खेला पहला इंटरनेशनल गेम
श्रेया ने बताया कि स्कूल के दौरान शूटिंग के बारे में सुना था। तब से लगा कि सीखना चाहिए। पेरेंट्स ने इंटरनेशनल शूटर गगन नारंग की अकादमी में दाखिला करवाया। श्रेया ने बताया कि उन्होंने ट्रेनिंग के दो साल बाद पहला इंटरनेशनल गेम 2017 में खेला। इससे उनके जीवन को एक नई दिशा मिली और कॅरियर को उड़ान मिली। इस टूर्नामेंट के लिए नर्वस थी, लेकिन कोच और पेरेंट्स के प्रोत्साहन ने हमेशा देश के लिए मेडल जीतने का हौसला दिया।