CG Naxal News: छत्तीसगढ़ में 60 दिन में 105 नक्सली ढेर, 300 ने छोड़ी हिंसा की राह
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के बाद नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। खासकर बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कांकेर, गरियाबंद, नारायणपुर, बस्तर, कोंडागांव, कोरबा और मुंगेली क्षेत्र दशकों से नक्सलियों के आतंक से जूझ रहा है। आए दिन यहां नक्सली उत्पात मचाते हैं, जिसके चलते पुलिस व आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही है।
सुरक्षा बल भी नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए हाल के वर्षों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज किया है, जिसके परिणामस्वरूप कई नक्सली मारे जा रहे हैं। अब तक कुल 105 से अधिक नक्सली ढ़ेर हो चुके हैं। जवानों की ताबड़तोड़ करवाई से नक्सलियों में भारी बौखलाहट देखने को मिल रही है जिसके चलते वो आए दिन उत्पात मचा रहे हैं। वहीं दूसरी हो इस कार्रवाई से डरकर अब तक 300 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
बता दें कि राज्य में दिसंबर 2023 को बीजेपी की सरकार बनी थी। विष्णुदेव साय को राज्य का सीएम बनाया गया। विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से अभी तक एनकाउंटर में 105 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। केवल तीन महीनों में माओवादियों के मारे जाने की संख्या 2023 से ज्यादा है। 2023 में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 18 माओवादी मारे गए थे।
कांकेर में सबसे बड़ा मुठभेड़
छत्तीसगढ़ के कांकेर में 16 अप्रैल को सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली थी। मुठभेड़ में ताबड़तोड़ फायरिंग कर जवानों ने 29 नक्सली को मार गिराया था। डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम को नक्सलियों की गतिविधि की सूचना मिली थी। नक्सलियों को घेरने जवानों की एक सयुंक्त टीम निकली हुई थी कि इसी दौरान जवानों व नक्सलियों का आमना-सामना हो गया। लगभग चार घंटे तक चली इस मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए, जिनमें कई महिला नक्सली भी शामिल थीं। मारे गए नक्सलियों में 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव और 25 लाख रुपये की इनामी ललिता भी शामिल थी।
नारायणपुर में दूसरा मुठभेड़
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और कांकेर के जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच दूसरा मुठभेड़ हुई। जवाबी फायरिंग कर जवानों ने 10 आंतकियों को मार गिराया था। जवानों की यह कार्रवाई अबूझमाड़ इलाके में टेकमेटा और काकुर गांवों के बीच हुई। मारे गए 10 नक्सलियों में तीन महिलाएं भी शामिल थीं। घटनास्थल से जवानों ने एक एके-47 राइफल, गोला-बारूद और विस्फोटक भी बरामद किए गए।
बीजापुर में तीसरा मुठभेड़
बीते शुक्रवार यानी 10 मई को बीजापुर जिले के पीड़िया गांव में जवानों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। जवानों ने 12 नक्सलियों को मार गिराया था। बताया कि गंगालूर थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। दल जब पीड़िया गांव के जंगल में था, तब नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर जमकर फयरिंग शुरू कर दी। फिर क्या था जवानों ने मोर्चा संभाला और नक्सलियों को मार गिराया। सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों ने मारे गए पांच नक्सलियों का शव बरामद कर लिया है। फिलहाल जवान नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है।
नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज
नक्सल प्रभावित क्षेत्र कई दशकों से नक्सलियों के आतंक से जूझ रहा है। घने जंगल, दुर्गम इलाके और कमजोर सामाजिक-आर्थिक स्थिति का फायदा उठाते हुए नक्सली ग्रामीणों को डराते-धमकाते हैं। उनसे कर वसूलते हैं और सरकारी योजनाओं में बाधा डालते हैं। यही नहीं कई बार ये हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं, जिसमें मासूमों की जान चली जाती है। इन नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज किया है, जिसके परिणामस्वरूप कई नक्सली मारे जा रहे हैं।
मार्च में ही 11 नक्सलियों का एनकाउंटर
केवल मार्च महीने में ही 11 नक्सलियों को सुरक्षाबल के जवानों ने मार गिराया है। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल के जवानों ने आक्रामक रवैया अपनाया है। माओवादी आमतौर पर सुरक्षाबल के जवानों को निशाना बनाते हैं। नक्सली अपने टीसीओसी कैंपेन के दौरान कई घातक हमले भी प्लान करते हैं। इस दौरान नक्सली अपने-अपने संगठन में भर्ती अभियान भी चलाते हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षाबल के जवान नक्सलियों के टीसीओसी अभियान के दौरान सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।