CG News: अपनी खींची गई तस्वीरों से लोगों को वन्यजीवों के बारे में बताते
सरिता दुबे. अपने शौक को प्रोफेशन में ढाल लें, तो जीवन जीने का मजा तो आता ही है साथ ही सुकून भरी जिंदगी नई खोज कराती है। कुछ ऐसा ही हुआ बस्तर के सूरज कुमार के साथ। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौक ने बायोलॉजिस्ट बना दिया और वन्यजीवों पर काम करने की शुरुआत कुछ इस तरह हुई कि सूरज ने कई दुर्लभ दिखने वाले पक्षियों को अपने कैमरे में कैद किया। वन्यजीवों की फोटो खींचने के लिए घंटों जंगलों में बिताए और एक बार तो टाइगर और हिरण के शिकार का भी सामना किया।
पिता वन विभाग में नौकरी करते थे तो बचपन से जंगलों के बीच जाना हुआ करता था। एमएससी करने के बाद कप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स किया। हैदराबाद में नौकरी भी करने लगे पर जंगल और जंगली जानवरों को जानने के शौक ने उनकी बस्तर वापसी कराई।
सूरज ने बताया कि बीजापुर के ही एक गांव में पहाड़ों के पीछे गिद्धों की बसावट है। वहां उस समय 70 गिद्ध थे। भोजन नहीं मिलने के कारण वह पलायन कर रहे थे, लेकिन जब उन्हें भोजन मिलने लगा तो उनकी संया बढ़ने लगी और उनकी संया 200 हो गई। उन्हें समझने के लिए मैंने उनके रहवास के पास ही टैंट लगाकर रहना शुरू किया। गांववालों को भी जागरूक किया ताकि गिद्धों की संया बढ़ सके।
लोगों को जागरूक भी करते वह कहते हैं कि मैं वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी केवल अपने शौक के लिए नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए भी करता हूं। प्रकृति और वन्यजीवों के बारे में अपनी तस्वीरों के जरिए उन्हें बताता हूं ताकि उन्हें समझ आए कि इनसे ही हमारा भी अस्तित्व है।