CG Urban Body Election: किसे मिलेगा महापौर का टिकट, नगर निगम चुनाव के दावेदार हुए सक्रिय
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव होने के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव की हलचल शुरू हो गई है। शासन स्तर पर वार्डों के परिसीमन और आरक्षण प्रक्रिया को लेकर तैयारी तेज हो गई है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में महापौर और पार्षदों के दावेदारों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है। दूसरी ओर, कांग्रेस के सामने अपने प्रदर्शन को दोहराने की बड़ी चुनौती है। इन सब के बीच कार्यकर्ता अपना बायोडाटा तैयार कर वरिष्ठ नेताओं के यहां जाकर लॉबिंग शुरू कर दी है। यहां तक की पार्टी के कार्यक्रमों में प्रमुखता से शामिल हो रहे हैं।
पिछली बार कांग्रेस सरकार ने निकाय चुनाव के नियमों में दो महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। इसके बाद प्रदेश के सभी 14 नगर निगमों में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमा लिया था। इस बार प्रदेश की सत्ता में बदलाव हुआ है। प्रदेश में भाजपा का कब्जा है और भाजपा नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में इस बार का चुनाव रोचक होगा। महापौर पद के लिए अलग से मतदान होने की उमीद में, बड़े दावेदार सक्रिय हो गए हैं।
सर्वे का होगा अहम योगदान
महापौर चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशियों का चयन सबसे महत्वपूर्ण साबित हो गया है। यही वजह है कि कांग्रेस-भाजपा दोनों टिकट वितरण करने से पहले सर्वे भी करवाने की तैयारी में है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगेगी।
नए चेहरों की उमीद बढ़ी
प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने के बाद कई चौंकाने वाले फैसले हुए हैं। मतलब मंत्रिमंडल ने अनुभवी चेहरों से ज्यादा नए और युवा चेहरों को महत्व दिया गया है। यही स्थिति लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में भी दिखाई दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी छत्तीसगढ़ को जगह दिए जाने के मामले में पहली बार के सांसद तोखन साहू को महत्व दिया गया है।
ऐसे में भाजपा में नए चेहरों की उमीदें बढ़ गई है। भाजपा यदि इस फार्मूले पर काम करती है, तो कांग्रेस को बहुत हद तक इसके साथ चलना होगा। दरअसल, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतरा था। इसके बाद भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार कांग्रेस अपनी रणनीति बदल सकती है।
निकाय चुनाव के टिकट वितरण में हार-जीत का भी पूरा दखल रहेगा। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-भाजपा का प्रदर्शन कुछ सीटों पर बहुत अच्छा रहा है। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा को 90 विधानसभा सीटों में से 22 सीटों में हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने हार-जीत का समीक्षा कर ली है।
इसके आधार पर महापौर और पार्षद प्रत्याशियों को महत्व दिया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस में अभी लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा होनी है। इसके आधार पर कांग्रेस भी टिकट वितरण की रणनीति तैयार करेगी।
पिछले चुनाव का परिणाम
छत्तीसगढ़ नगर निगम चुनाव 2019 के परिणाम 24 दिसंबर 2019 को घोषित किए गए थे। कांग्रेस पार्टी ने इन चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए अधिकांश नगर निगमों में जीत हासिल की थी। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, और भिलाई जैसे प्रमुख नगर निगमों में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी।