Chaitra Navratri: अश्व पर सवार होकर आएंगी मां जगदंबा, गजलक्ष्मी के रूप में समृद्धि देकर जाएंगी
Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल यानी कल से शुरू होकर 17 अप्रैल को रामनवमी पर समापन होगा। नवरात्र में इस बार मां दुर्गा अश्व (घोड़ा) पर सवार होकर आएंगी। वहीं हाथी पर गज लक्ष्मी के रूप में उनका प्रस्थान होगा। ज्योतिषियों के मुताबिक माता के अश्व पर सवार होकर आने से जहां विश्व में कई देशों में पुन: युद्द होने और प्राकृतिक आपदाएं व सत्ता में उठापटक होने के संकेत है। वीहं अश्व की तीव्र गति होती है, वहीं विकास कार्य तेजी से बढ़ेंगे। इसके अलावा गजलक्ष्मी के रूप में उनके प्रस्थान से देश दुनिया में सुख संपत्ति भी बढ़ेगी।
श्रेष्ठ मुहूर्त अभिजीत
पं नवनीत व्यास के अनुसार 9 अप्रैल को प्रतिपदा तिथि और रेवती नक्षत्र में चैत्र नवरात्र का शुभारंभ होगा। इस दिन घट स्थापना का सबसे अधिक श्रेष्ठ मुहूर्त अभिजीत रहेगा। जिसका समय दोपहर 11.33 से 12.24 तक रहेगा। इसके अलावा शुभ लाभ और अमृत के चौघडिय़ा काल में भी घट स्थापना की जा सकती है।
सूर्य देव को अर्ध्य
पं. व्यास के अनुसार मां जगदंबे का आगमन अश्व पर और प्रस्थान हाथी पर होगा। अश्व पर आना शुभ नहीं मानते हैं। इससे युद्ध और सत्ता में उठापटक होने के संकेत मिलते हैं. परंतु रुके विकास पुन: शुरू होंगे। क्योंकि अश्व तेज गति का प्रतीक है। सूर्य देव के रथ में 7 अश्व है, इसलिए नवरात्र में मां दुर्गा के साथ ही सूर्य को अर्ध्य देना दुष्प्रप्रभावों को नष्ट करेगा।
सूर्य ग्रहण आज, भारत में नहीं दिखेगा
नए संवत्सर की पूर्व संध्या पर 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण रहेगा। रेवती नक्षत्र में सोमवार रात 9.12 बजे ग्रहण शुरू होगा। जो मध्य रात्रि 2.22 बजे तक रहेगा। कुछ जगहों पर पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देगा। ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्यग्रहण के वजह से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
गायत्री शक्तिपीठ, समता कॉलोनी में नवरात्रि की तैयारी जोरों पर है। नवरात्रि के पावन अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ में ट्रस्ट के द्वारा मंगल और श्री वृद्धि का प्रतीक स्वास्तिक के आकार में ज्योति कलश की स्थापना की जाएगी। गायत्री परिवार ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी आरके शुक्ला ने बताया कि मंदिरों के अंदर ज्योति कलश की स्थापना से संबंधित तैयारी जोरो से पूरी की जा रही है। वहीं गायत्री शक्तिपीठ में ज्योति जलने के लिए पंजीयन का कार्य शुरू हो चुका है। ट्रस्ट कार्यालय में और शक्तिपीठ मंदिर प्रांगण में कलश स्थापना के लिए पंजीयन का दौर जारी है।