छत्तीसगढ़ को 278 किलो मीटर लंबी नई रेल लाइन की बड़ी सौगात, केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में 278 किलो मीटर लंबी नई रेल लाइन बनाने की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर 8741 करोड़ खर्च होंगे।

छत्तीसगढ़ की मोदी सरकार ने एक और बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से प्रदेश में 278 किमी लंबी नई रेल बिछाने की मंजूरी मिली है। लंबे समय से रेलवे लाइन की मांग कर रहे बलौदाबाजार के लोगों को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है। रेल मंत्रालय ने प्रदेश में 278 किमी लंबी नई रेल लाइन बिछाने की मंजूरी दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। नई रेल लाइन खरसिया से शुरू होकर नवा रायपुर और परमलकसा तक जाएगी। इस परियोजना पर 8741 करोड़ खर्च होंगे।
इन 8 जिले के लोगों को होगा फायदा
इसका लाभ छत्तीसगढ़ के 8 जिलों को मिलेगा। इनमें रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदाबाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव शामिल हैं। रेल मंत्री ने बताया कि इस नई लाइन से बलौदाबाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। ऐसे में सीमेंट संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी वस्तुओं के परिवहन में भी ये उपयोगी सिद्ध होगा।
इसके अलावा परियोजना से रेलवे की क्षमता में वृद्धि होगी। हर साल लगभग 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई की जा सकेगी। रेल मंत्रालय का कहना है कि यह परियोजना पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। इससे 95 करोड़ लीटर तेल आयात में कमी आएगी। कार्बन उत्सर्जन में 477 करोड़ किलो कमी होगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
योजना के तहत 19 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिससे 3350 गांवों और लगभग 47.25 लाख लोगों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। केंद्र ने छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के 15 जिलों से होकर गुजरने वाली रेलवे की चार अन्य क्षमता निर्माण परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी है। इन परियोजनाओं से रेलवे नेटवर्क में लगभग 1247 किमी का इजाफा होगा।
मुख्य विशेषताएं
कुल लंबाई : 278 किमी लंबा रेलमार्ग, 615 किमी ट्रैक की लंबाई
स्टेशनों की संख्या : 21, इनमें छत्तीसगढ़ में 19 नए स्टेशन बनेंगे
पुल और फ्लाईओवर : 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, 5 रेल फ्लाईओवर
ट्रैफिक क्षमता : 21 से 38 मिलियन टन कार्गो, 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें
ईंधन और पर्यावरण संरक्षण : 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत प्रतिवर्ष
113 करोड़ किग्रा CO2 की कटौती – यह लगभग 4.5 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर है।
लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी : सड़क परिवहन की तुलना में प्रतिवर्ष ₹2,520 करोड़ की बचत
इन जिलों को मिलेगा प्रत्यक्ष लाभ : रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाज़ार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव।