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गोबर पेंट के अब नहीं मिल रहे खरीदार, बनाने वाली महिला समूहों को लाखों का नुकसान

गोबर पेंट बनाने के नाम पर महिला समूहों ने जिले के अलग-अलग गांव में बने गौठानों में प्लांट लगाया। प्रशिक्षण के बाद महिला समूहों ने लाखों रुपए का गोबर पेंट भी बना लिया। वे उम्मीद कर रहे थे कि सरकारी संस्था भवनों में पेंट लगाने के लिए, उनके पास से ही खरीदी करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश से कांग्रेस की सरकार जाते ही ठेकेदारों ने गोबर पेंट खरीदना पूरी तरह से बंद कर दिया। लाखों रुपए का गोबर पेंट तैयार पड़ा है।

लाखों का गोबर पेंट तैयार लेकिन खरीदार नहीं

2 लाख का 800 लीटर पेंट धूल खा रहा सी मार्ट, दुर्ग में 6 माह से 1.5 लाख का 600 लीटर पेंट तैयार पड़ा है लीटिया में 1 लाख का 400 लीटर गोबर पेंट तैयार पड़ा है पाटन में 75 हजार का 300 लीटर गोबर पेंट तैयार है मचादुंर में

कच्चा माल भी मंगवाया समूह ने

गोबर पेंट की खरीदी ग्राम पंचायत और आरईएस की ओर से हो रही थी। पिछली सरकार ने अन्य संस्थान व विभागों को निर्देश दिया था कि सरकारी भवनों का रंग-रोगन गोबर पेंट से किया जाए। इसको देखते हुए गौठान चला रही महिला समूहों ने राजस्थान से लाखों रुपए का कच्चा माल मंगवा लिया। कच्चा माल मंचादुर गौठान में 1000 लीटर गोबर पेंट बनाने के लिए रखा है। इसी तरह से ग्राम केसरा के गौठान में 400 लीटर तक गोबर पेंट बनाने के लिए कच्चा माल है। अब उनके पास तैयार गोबर पेंट के अलावा कच्चा माल रखा हुआ है। इसकी वजह से उनको लाखों का नुकसान हो रहा है।

निजी उद्यमियों को भी हुआ नुकसान

गोबर पेंट बनाने के लिए निजी लघु उद्योगों ने भी मशीन लगवा लिया था। वे भी लाखों का कच्चा माल राजस्थान से ही मंगवाए। अब उनके पास भी गोबर पेंट का काम बंद हो गया है। युवा उद्यमी कमल देवांगन ने बताया कि तैयार गोबर पेंट के साथ करीब 4 लाख का कच्चा मटीरियल मंगवाए थे। दुकानों में मांग नहीं आ रही है। रॉ-मटीरियल में कैल्शियम कार्बोनेट पावडर, टिटेनियम डाई ऑक्साइड पावडर, सोप स्टोन पावडर, इमलसी फायर कैमिकल आदि है।

दो साल पहले यहां शुरू हुआ था काम

1 दिसंबर 2022 को लीटिया में गोबर पेंट बनाने का काम शुरू हुआ था। महिला समूह इस बात से खुश थी कि उनके यहां तैयार होने वाला पेंट, स्कूल और पंचायत भवन में भी लगेगा।

लीटिया के बाद फरवरी 2023 से पाटन के ग्राम केसरा में पेंट बनना शुरू हुआ। दोनों जगह से कुल 11 हजार लीटर पेंट अब तक बिका है। यहां गोबर पेंट का ऑर्डर ग्राम पंचायत और आरईएस से आ रहा था।

पाटन के केसरा गौठान समिति अध्यक्ष कनक सोनी ने बताया, लाखों का गोबर पेंट और रॉ-मटीरियल पड़ा है। सरकार बदलने के बाद कोई ऑर्डर नहीं आया है। समूह इंतजार कर रहा है कि नई सरकार क्या निर्देश देती है। लाखों रुपए महिला समूह का इसमें अटका है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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