नृत्य ने बदली जीवन की दिशा, सम्मान और आत्मनिर्भरता ने दिलाया एक मुकाम
नृत्य उम्र से परे होता है, और नवाचार उसे जवां बनाता है
परिवार में कोई नृत्य से जुड़ा भी नहीं था, लेकिन बनाया एक मुकाम
Raipur cg news लखनऊ घराने का कथक और रायगढ़ की बंदिशों के साथ कथक डांस का परफार्मेंस देने वाली रायपुर की डॉ. स्वप्निल कर्महे यह मानती हैं कि, समय के साथ शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति और हाव-भाव भी बदले है, लेकिन कलाकर को अपनी पुरानी परंपरा और उसने जिस घराने का नृत्य सीखा है उसे बरकरार रखना चाहिए। वो बताती है कि लखनऊ घराने के कथक नृत्य की शैली लावण्य और श्रृंगार प्रधान होती है। और रायगढ घराने की बंदिशे प्रकृति प्रधान है और इन्हीं बंदिशों के साथ वो अपने नृत्य की प्रस्तुति देती है। परिवार में कोई नृत्य से जुड़ा भी नहीं था, लेकिन स्वप्निल ने कथक नृत्य में अपना एक मुकाम बनाया।
वो कहती हैं कि, मेरे नृत्य में वही पुरानी परंपरा दिखती है लेकिन समय के साथ और दर्शकों के मुताबिक मैंने उसे बदला है। जिसे लोगों ने बहुत पसंद भी किया है और कथक के इस नए स्वरूप को वो बीते 20 सालों से छात्राओं को भी सिखा रही है। वो कहती है कि आपने जिस घराने का नृत्य सीखा है आपकी प्रस्तुति में वो दिखना चाहिए , लेकिन समय के साथ उसमें अपनी भी क्रिएटिविटी डालनी चाहिए। वो कुछ इसी तरह की क्रिएटिविटी अपनी डांस परफार्मेंस में दिखाती है।
12 साल की थी तभी ली शिक्षा
डॉ. स्वप्निल जब 12 साल की थी तो उसी उम्र में लगातार15 सालों तक गुरु शिष्य परंपरा में उन्होंने गुरु पी डी आशीर्वादम् से कथक नृत्य सीखा और इसी दौरान उन्होंने कथक में खैरागढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से मास्टर्स और पीएचडी की उपाधि ली। अभी वो शासकीय कॉलेज में नृत्य शिक्षिका है।
मिल चुके है कई सम्मान
डॉ. स्वप्निल आईसीसीआर नई दिल्ली के पैनल में रजिस्टर्ड है और उन्होंने एचआरडी मिनिस्ट्री नई दिल्ली द्वारा यंग आर्टिस्ट अवार्ड प्राप्त किया। इसके साथ ही गोल्ड मेडलिस्ट, पीएचडी, श्रृंगार मणि उपाधि, नृत्य रत्न उपाधि,
कत्थक शिखर सम्मान 2022 भी मिल चुका है।
कई नृत्य समारोह में कर चुकी है परफार्म
डॉ स्वप्निल कई प्रतिष्ठित समारोहों में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं जैसे चक्रधर समारोह रायगढ़ ,भोरमदेव महोत्सव, छत्तीसगढ़ राज्योत्सव , कत्थक उत्सव नई दिल्ली, बड़ोदरा, बनारस, सुर सिंगार संसद मुंबई, साउथ सेंट्रल जोन नागपुर ,युवा महोत्सव जलगांव , कहे ब्रिज श्याम उत्सव बिलासपुर आईसीसीआर होराइजन सीरीज चंडीगढ़ एवं खैरागढ़ आदि।