National Youth Day 2025: सबसे कम उम्र में डिप्टी कलेक्टर बना छत्तीसगढ़ का दिलीप, ऐसे पाई सफलता

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले का छोटा सा गांव अवारी। यहां पढ़ने के लिए सिर्फ हिन्दी मीडियम के सरकारी स्कूल और उस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को यह तक नहीं पता होता कि राज्य की पीएससी परीक्षा क्या होती है। पर गांव के बेटे दिलीप उइके ने 21 वर्ष की उम्र में पहले ही प्रयास में राज्य सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली। सबसे कम उम्र में डिप्टी कलेक्टर बने दिलीप अब उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं जो प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
दिलीप बताते हैं कि उन्हें 12 वीं तक पता ही नहीं था कि यूपीएससी और पीएससी जैसे भी कोई एग्जाम होते हैं। जब उन्होंने दुर्ग के साइंस कॉलेज में दाखिला लेकर बीएससी की पढ़ाई शुरू की, तो कॉलेज में आने वाले अधिकारियों को देखा। बस उसी दिन ठान लिया कि वे अधिकारी बनकर रहेंगे। परीक्षा की तैयारी के लिए लाइब्रेरी में किताबों और मोबाइल से ऑनलाइन लेक्चर और नोट्स की मदद से फर्स्ट ईयर से ही परीक्षा की तैयारी शुरू की। फाइनल आते-आते पहली बार पीएससी का फार्म भरा। पहले प्री, फिर मेंस और इंटरव्यू के बाद जब मैरिट लिस्ट आई तो उनका चयन डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर हुआ था। ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है, पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं।