नारी शक्ति: टोक्यो में टूटा था सपना लेकिन रुबिना ने हिम्मत नहीं हारी
पेरिस. भारतीय महिला शूटर रुबिना फ्रांसिस ने शनिवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए यहां खेले जा रहे पेरिस पैरालंपिक खेलों की 10मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। यह भारत का पेरिस ओलंपिक खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा में कुल चौथा पदक है। रुबिना के लिए हालांकि पदक जीतने का सफर आसान नहीं रहा। टोक्यो पैरालंपिक में रुबिना इस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचकर पदक जीतने से चूक गई थी और सातवें स्थान पर रही थीं, लेकिन इस बार उन्होंने पदक जीतने का सपना पूरा किया।
बचपन में पोलियो के कारण दोनों पैर हुए लकवाग्रस्त
25 वर्षीय रुबिना का बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता। छोटी उम्र में उन्हें पोलियो हुआ और दोनों पैरों में लकवा मार गया। काफी इलाज कराने के बावजूद उनके पैर पूरी तरह से सही नहीं हो सकीं। उनके पैरों में 40 फीसदी विकलांगता है। रुबिना ने हालांकि कई और खेलों में भी हाथ आजमाया लेकिन आखिर में उन्होंने निशानेबाजी मेें ही करियर बनाने का फैसला किया।
तीरंदाजी: शीतल देवी एक अंक से हारकर बाहर, सरिता भी हारीं
भारत की 17 वर्षीय तीरंदाज शीतल देवी महिलाओं की कंपाउंड आर्चरी स्पर्धा के प्री-क्वार्टरफाइनल में टोक्यो पैरालंपिक की रजत पदक विजेता मारियाना जुनेजी से सिर्फ एक अंक से हारकर बाहर हो गई। चिली की तीरंदाज मारियाना ने शीतल को 138-137 अंकों से हराया। वहीं, सरिता को तुर्की की ओजनर के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में 140-145 से हार झेलनी पड़ी।
211.1 अंक के साथ फाइनल में रुबिना तीसरे स्थान पर रहीं।
शनिवार को स्पर्धा के दौरान भारतीय शूटर रुबिना फ्रांसेस।