शराब घोटाले में भूपेश के घर ED की रेड, बेटे चैतन्य के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और AICC महासचिव भूपेश बघेल और बेटे चैतन्य के घर पर ED ने छापेमारी की है। उनके भिलाई-3 पदुमनगर स्थित घर पर आज (सोमवार) सुबह चार गाड़ियों में टीम पहुंची। दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। ED के मुताबिक, शराब घोटाला मामले में कार्रवाई की गई है। 21 सौ करोड़ के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को भी लाभ पहुंचाया गया है। चैतन्य के करीबी और सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल और ​पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी कार्रवाई चल रही है।

इसके अलावा भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, कमल अग्रवाल किशोर राइस मिल दुर्ग, सुनील अग्रवाल सहेली ज्वेलर्स दुर्ग और बिल्डर अजय चौहान के यहां भी ED की कार्रवाई चल रही है।

भूपेश के घर के बाहर समर्थकों की भीड़, कार्रवाई का विरोध

भिलाई के पदुमनगर स्थित भूपेश बघेल के घर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद हैं। ये सभी ED की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक प्रदेश के गृहमंत्री सवालों से घिरे हुए हैं, विधानसभा में सवालों का कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए भूपेश बघेल के खिलाफ ED का दुरुपयोग कर रहे हैं।

पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास

इस छापे के बाद भूपेश बघेल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया गया है कि, सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब कोर्ट में बर्खास्त कर दिया गया तो ED के मेहमानों ने पूर्व CM के घर पर दबिश दी है। इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, भाजपा के इशारे पर ED कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई निवास पर पहुंची है।

ना डरे हैं, ना डरेंगे- पवन खेड़ा

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि, आज जब संसद का सत्र शुरू हो रहा है, चारों तरफ से घिरी हुई भाजपा ने हेडलाइन बदलने के लिए, देश का ध्यान टैरिफ, गिरती हुई अर्थव्यवस्था, वोटर्स लिस्ट फ्रॉड से भटकाने के लिए

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के घर पर ED की रेड करवा दी। भाजपा को समझ लेना चाहिए कि वह ना कांग्रेस को रोक पाएगी, ना हमारे किसी भी नेता को। ना डरे हैं, ना डरेंगे।

विपक्ष के नेताओं को डराने का प्रयास- सचिन पायलट

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने कहा कि, भूपेश बघेल के यहां ED का छापा केंद्र सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध को उजागर करता है। भाजपा ED, CBI जैसी एजेंसियों को विपक्ष के नेताओं को डराने और दबाने के लिए इस्तेमाल कर रही है।

ईडी की दबिश, भाजपा की हताशा- दीपक बैज

इस कार्रवाई पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, भाजपा की राजनीति अब जांच एजेंसियों के सहारे चल रही है। 7 साल पुराने झूठे केस को कोर्ट ने खारिज कर दिया, लेकिन दुर्भावना से ईडी को मोहरा बना दिया गया। आज सुबह ईडी की टीम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर पहुंची। ये जांच है या राजनीतिक प्रतिशोध?

अगर भाजपा ये सोच रही है कि कांग्रेस को डराया रोका जा सकता है तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल है। कांग्रेस न झुकी है न झुकेगी। अब हर षड्यंत्र का जवाब और भी दमदार होगा।

पंजाब में भूपेश की धमक से भाजपा डरी- विनोद वर्मा

पूर्व सीएम के सलाहकार रहे कांग्रेस नेता विनोद वर्मा ने कहा कि, भाजपा ने कांग्रेस के नेताओं को चुप कराने केंद्रीय जांच एंजेसियों को माध्यम बनाया है। राहुल गांधी के साथ भाजपा के खिलाफ आवाज उठाने वाले कांग्रेस नेता, कार्यकर्ताओं को चुप कराने के लिए एजेंसियों को सहारा लिया जा रहा है।

भाजपा भूपेश बघेल के खिलाफ पिछले तीन साल से पड़ी हैं। उसी की ये एक और कड़ी है। भूपेश बघेल पंजाब के प्रभारी बनाए गए हैं। वहां उनका जिस तरह स्वागत हुआ है, उनकी धमक से भाजपा डरी हुई है।

लोकतंत्र पर हमला बर्दाश्त नहीं- सिंहदेव

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि, भूपेश बघेल पर ईडी की कार्रवाई लोकतंत्र की सीधी हत्या है और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश है। हम सब एकजुट होकर इस लोकतांत्रिक लड़ाई को लड़ेंगे। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे और जनता की आवाज पर हमला है।

भाजपा के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी कांग्रेस- देवेंद्र यादव

7 साल पुराने सीडी कांड मामले में भूपेश बघेल निर्दोष साबित हो चुके हैं, कोर्ट ने सीबीआई को फटकार भी लगाई है, कि उनके ऊपर कोई केस नहीं बनता है। इससे चिढ़कर बीजेपी ने ध्यान भटकाने के लिए ईडी को भेजा है। कांग्रेस पार्टी भाजपा के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी।

सरकार के खिलाफ बोलने वालों के घर पहुंच रही एजेंसियां- अमरजीत भगत

भूपेश बघेल पर ईडी छापे को लेकर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, जो सरकार के खिलाफ बोलता है, उसके घर एजेंसियां पहुंच जा रही हैं। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की आवाज हैं। छापों से उन्हें डराया नहीं जा सकता।

ED जांच कर रही है, इसमें प्रदेश का दखल नहीं- सीएम साय

भूपेश बघेल पर ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सीएम साय ने कहा कि, ‘सभी जानते हैं कि कांग्रेस की सरकार में कई घोटाले हुए थे। इसकी जांच केंद्रीय एजेंसी कर रही हैं। ED की जांच चल रही है और इसमें प्रदेश का कोई दखल नहीं है।

भूपेश के कार्यकाल में बड़े घोटाले हुए- अरूण साव

डिप्टी सीएम अरूण साव ने कहा कि, इस बात से कोई कैसे इनकार कर सकता है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में बड़े घोटाले हुए हैं? ईडी की कार्रवाई लंबे समय से चल रही है। ऐसा नहीं है कि आज अचानक कोई कार्रवाई की गई है।

जांच के दौरान उन्हें कुछ तथ्य और संदेह मिले होंगे और उसके आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई की है। अगर आपकी कोई भूमिका नहीं है, तो डरने या घबराने की कोई बात नहीं होनी चाहिए।

अब समझिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला

A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन

2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई।
B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना

डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता से भी कॉन्टैक्ट किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई।
खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।
शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया। शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। इसकी MRP सिंडिकेट के सदस्यों ने शुरुआत में प्रति पेटी 2880 रुपए रखी थी। इनकी खपत शुरू हुई, तो सिंडिकेट के सदस्यों ने इसकी कीमत 3840 रुपए कर दी।
डिस्टलरी मालिकों को शराब सप्लाई करने पर शुरुआत में प्रति पेटी 560 रुपए दिया जाता था, जो बाद में 600 रुपए कर दिया गया था। ACB को जांच के दौरान साक्ष्य मिला है कि सिंडिकेट के सदस्यों ने दुकान कर्मचारियों और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 40 लाख पेटी से अधिक शराब बेची है।
C: डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को कम/ज्यादा कर अवैध धन उगाही करना

देशी शराब को CSMCL के दुकानों से बिक्री करने के लिए डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को सिंडिकेट ने 8 जोन में बांटा। इन 8 जोन में हर डिस्टलरी का जोन निर्धारित होता था। 2019 में सिंडिकेट की ओर से टेंडर में नए सप्लाई जोन का निर्धारण प्रतिवर्ष कमीशन के आधार पर किया जाने लगा।
एपी त्रिपाठी ने सिंडिकेट को शराब बिक्री का जोन अनुसार विश्लेषण मुहैया कराया था, ताकि क्षेत्र को कम-ज्यादा करके पैसा वसूल किया जा सके। इस प्रक्रिया को करके सिंडिकेट डिस्टलरी से कमीशन लेने लगा।
EOW के अधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं कि तीन वित्तीय वर्ष में देशी शराब की सप्लाई के लिए डिस्टलरीज ने 52 करोड़ रुपए पार्ट C के तौर पर सिंडिकेट को दिया है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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