Education News: 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए बड़ी घोषणा, बने स्वयंसेवी शिक्षक, मिलेगा बोनस अंक, जानिए क्या करना होगा
छत्तीसगढ़ समेत देशभर में निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए प्रवर्तित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत निरक्षर को साक्षर करने के लिए स्वयंसेवी शिक्षक बनाने का प्रावधान है, जिन्हें मानदेय नहीं दिया जाएगा। स्वयंसेवी शिक्षक बनाने के लिए छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी घोषणा की है।
10वीं और 12वीं के छात्रों के स्वयंसेवी शिक्षक बनने और उनके 10 निरक्षर को साक्षर बनाने पर बोर्ड परीक्षा में 10 बोनस अंक देने की घोषणा की है। छात्रों के 10 निरक्षरों को साक्षर बनने और उनके उत्तीर्ण होने पर बोनस अंक दिए जाएंगे। स्वयंसेवी शिक्षक स्कूल कॉलेज के छात्रों के अलावा युवा, महिला, बीएड व डीएड के विद्यार्थी भी बन सकते हैं।
उल्लास केंद्रों में शिक्षार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति, नवाचारी गतिविधि से अध्ययन-अध्यापन सुनिश्चित करना है। साथ ही स्वयंसेवी शिक्षकों का उत्साहवर्धन केंद्रों की मॉनिटरिंग व नियमित समीक्षा की जाना है।
10 लाख को साक्षर बनाने का लक्ष्य
उल्लास कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी निरक्षरों को 2030 तक साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष प्रदेशभर के 10 लाख निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है, इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को शामिल किया गया है। साक्षर बनाने के लिए एक लाख स्वयंसेवी शिक्षक बनाने का भी लक्ष्य है। सभी शिक्षार्थियों का बुनियादी साक्षरता एवं संयात्मक ज्ञान आंकलन परीक्षा द्वारा देशव्यापी परीक्षा वर्ष में दो बार सितंबर और मार्च में आयोजित की जाएगी।
उल्लास कार्यक्रम के पांच घटक
बुनियादी साक्षरता व संया ज्ञान: 15 वर्ष और अधिक उम्र के निरक्षरों को 200 घंटे का अध्यापन कराकर बुनियादी साक्षरता व संया ज्ञान देकर नवसाक्षर बनाना।
महत्वपूर्ण जीवन कौशल: वित्तीय, कानूनी, डिजिटल, पर्यावरण, मतदान साक्षरता, आपदा प्रबंधन, वाणिज्य कौशल, स्वास्थ्य जागरुकता, परिवार कल्याण आदि।
व्यावसायिक कौशल: नवसाक्षरों को रोजगार प्रदान करने व्यावसायिक कौशल विकास प्रशिक्षण।
बुनियादी शिक्षा: समतुल्यता कार्यक्रम अंतर्गत प्रारंभिक स्तर (कक्षा 3 से 5), मध्य स्तर (कक्षा 6 से 8), माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से 12वीं) की समतुल्यता प्रदान करना।
सतत् शिक्षा: शिक्षार्थियों को कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल मनोरंजन एवं स्थानीय रुचि के अनुसार अन्य विषय में उन्नत सामग्री उपलब्ध कराना है।