Education News: 9 के बजाय होंगे 7 पेपर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी कॉलेजों में लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम
इस साल से प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा निति(एनईपी) लागू हो रही है। इसके तहत यूजी में आनर्स की पढ़ाई के साथ ही 9 पेपर के स्थान पर विद्यार्थियों को केवल 7 पेपर देने की सुविधा होगी। सभी कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। एनईपी के लिए बनी ड्राट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार करके मंगलवार को शासन को सौंप दिया है। एनईपी के तहत पूरी शिक्षा व्यवस्था बदल जाएगी।
ग्रेजुएशन और पोस्ट गेजुएशन कोर्स 3 2 और 4 1 दोनों पैटर्न पर संचालित होंगे। सिर्फ ग्रेजुएशन करने वाले छात्र पुराने कोर्स की तरह 3 साल का और पीजी वाले 2 साल का कोर्स करेंगे। इसके अलावा जो विद्यार्थी आनर्स करना चाहेंगे वे 4 1 पैटर्न से 4 साल का यूजी और 1 साल का पीजी कोर्स कर सकेंगे। वार्षिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो जाएगा। पूरी तरह सेमेस्टर सिस्टम में लागू किया जाएगा। अब यूजी में 9 की जगह केवल 7 पेपर होंगे। ड्राट कमेटी की रिपोर्ट पर शासन की हरी झंडी मिलने के बाद सभी विवि और महाविद्यालयों में एनईपी के तहत नई शिक्षा व्यवस्था से पढ़ाई इसी सत्र से शुरू हो जाएगी।
41 रिसर्च बेस्ड कोर्स
आनर्स करने वाले 41 यूजी और पीजी कोर्स में प्रवेश लेंगे। यह शोध आधरित कोर्स है। इसमें 3 वर्ष गे्रजुएशन की पढ़ाई के बाद चौथे वर्ष 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाला विद्याथी सीधे रिसर्च में प्रवेश प्रवेश करेगा। वहीं 75 फीसदी से कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को आनर्स की डिग्री मिलेगी। इसके बाद वह एक वर्ष का पीजी कोर्स कर सकता है। वहीं, पुरानी 3 2 यूजी पीजी की शिक्षा व्यवस्था बंद नहीं की जा जाएगी।
इसमें ग्रेजुएशन करने वाले छात्र प्रवेश ले सकेंगे। लेकिन इसमें भी वार्षिक व्यवस्था खत्म कर सेमेस्टर सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। एनईपी के तहत अब 9 की जगह छात्रों को 7 पेपर ही देने होंगे। पहले विषयवार 2-2 पेपर होते थे, जो अब सिर्फ 1-1 होंगे। साथ ही तीन अन्य पेपर में एक स्किल डेवलपमेंट, इबिलिटी स्किल और एक वैल्यू ऐडेड पेपर होगा। वहीं, एक च्वाइस बेस्ड विषय का पेपर होगा।
विवि में ऑडनेंस पास, राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सत्र 2024-25 में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी कर ली है। विश्वविद्यालयों ने चार वर्षीय कोर्स शुरू करने के लिए आर्डनेंस पास कर शासन के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। ऑडनेंस में राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही सभी विवि में चार वर्षीय कोर्स इसी सत्र से शुरू कर दिया जाएगा।
6 कमेटियों की रिपोर्ट पर बना ड्रॉट
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 6 कार्य समूह बनाए थे, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर क्रियान्वयन दल ने ड्रॉट तैयार किया है, जिसे शासन को मंगलवार को सौंपा जा चुका है। शासन की हरी झंडी मिलने ही पूरे प्रदेश में एनईपी के तहत शिक्षा व्यवस्था लागू हो जाएगा। क्रियान्वयन दल ने संयोजक पंडित रविशंकर शुक्ल विवि के कुल र्प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला के नेतृत्व में ड्रॉट तैयार किया गया है।
इन छह कमेटी की रिपोर्ट से तैयार ड्रॉट
1- कोर्सेस/पाठ्यक्रम करिकुलम, के्रडिट फ्रेमवर्क, असेसमेट कार्य समूह (संयोजक- प्रो. मनोज श्रीवास्तव, कुलपति शहीद महेंर्द्र कर्मा विवि बस्तर)
2- पुनर्गठन एवं ड्रॉटिंग कार्य समूह (संयोजक- प्रो. एडीएन बाजपेयी, कुलपति अटल बिहारी बाजपेयी विवि बिलासपुर)
3-सकल दर्ज अनुपात एवं शिक्षा की गुणवत्त संवर्धन हेतु कार्य समूह (संयोजक- प्रो. बीजी सिंह, कुलपति पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि, बिलासपुर)
4- मानव संसाधन विकास कार्य समूह (संयोजक- डॉ. एलपी पटेरिया, कुलपति शहीद नंदकुमार पटेल विवि रायगढ़)
5- सूचना तकनीकी विस्तार कार्यसमूह (संयोजक- डॉ. एचएस होता, विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस अटल बिहारी बाजपेयी विवि, बिलासपुर)
6- वित्तीय आंकलन कार्यदल (संयोजक- डॉ. अरुणा पल्टा, कुलपति हेमचंद यादव विवि, दुर्ग)