Exam celebration परीक्षा को पर्व की तरह मनाने के लिए बताए यह टिप्स….
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों के साथ परीक्षाओं को जश्न की तरह मनाने के लिए हर साल परीक्षा पर्व मनाता है। इस पर्व का उद्देश्य स्कूल प्रबंधन समितियों, अभिभावक, शिक्षक संघ (PTA) के माध्यम से माता-पिता और शिक्षकों को संवेदनशील बनाना था जिसके परिपालन में कोरबा जिले में यह संवेदीकरण सह अभिमुखीकरण कार्यकम कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित किया गया।
कोरबा। प्रधानमंत्री के परीक्षा पे चर्चा से प्रेरित होकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों के साथ परीक्षाओं को जश्न की तरह मनाने के लिए हर साल परीक्षा पर्व मनाता है। परीक्षा को जश्न की तरह मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को परीक्षा से संबंधित तनाव से उबरने में सहायता करना, चिंता तथा परीक्षा के दबाव को कम करने के प्रयासों पर चर्चा करना है।इसके साथ ही बच्चों के प्रति अभिभावकों और शिक्षकों के दृष्टिकोंण को बदलना और परीक्षा परिणाम से पहले उनकी चिंता को दूर करना है।
बच्चों में परीक्षा के तनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा नामांकित विशेषज्ञ, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष शताब्दी पांडेय ने कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों को बताया कि हम किस तरह से बच्चों के अंदर से परीक्षा के तनाव को कम कर सकते है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बच्चों को परीक्षा के लिए दिए गए टिप्स अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचे इस दिशा में काम करना होगा। उन्होंने बताया कि हमें किस तरह से काम करना है जिससे परीक्षा को बच्चे पर्व की तरह मनाए , किसी भी तरह का तनाव न ले। अधिक से अधिक बच्चे इस कार्यकम से लाभान्वित हो इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी. भारद्वाज को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।
शताब्दी सुबोध पांडे द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री के प्रेषित पत्र का वाचन कर की गई। कार्यशाला में उपस्थित प्राचार्य, व्यख्याता, शिक्षक, शिक्षिका, शिक्षण समिति के सदस्य, माता-पिता, अभिभावक, बच्चें, उपस्थित अधिकारी, कर्मचारी, समाज सेवी संगठन के पदाधिकारी एवम अन्य जनप्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 36 मंत्रों, परीक्षा के तनाव को कम करने हेतु तैयार किए मॉड्यूल, प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए टिप्स संबंधित वीडियो के माध्यम से विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए जानकारी प्रदान की गई।
आयोजित उपरोक्त कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग पूर्व सदस्य उमाभारती सराफ, दिनेश कुमार नाग, अपर कलेक्टर, जी.पी. भारद्वाज जिला शिक्षा अधिकारी, गजेन्द्र देव सिंह जिला महिला एवम बाल विकास अधिकारी, दया दास महंत, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, स्वयं सेवी संगठन के पदाधिकारी, प्राचार्य, व्यख्याता, शिक्षक, शिक्षिका, स्कूल शिक्षण समिति के सदस्य, माता-पिता, अभिभावक, बच्चे, अधिकारी कर्मचारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।