आर्थिक मजबूती देती है हौसला, जिससे हर मुश्किल लगती है आसान
मैं जहां भी महिलाओं को ट्रेनिंग देने जाती हूं तो वहां उन्हें यही कहती हूं कि जिस तरह मैं एक सामान्य महिला होते हुए आगे बढ़ी हूं उसी तरह आप भी आगे बढ़ सकती हैं। क्योंकि संघर्ष तो हमारा साथी है और इसे आपने गले लगा लिया तो आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। महिलाओं की आर्थिक मजबूती ही उनका असली साथी है। महिलाएं हर काम कर सकती हैं, बस उन्हें एक-दूसरे का सहयोग मिलता रहे।
साल 2016 में बिहान से जुड़ी। उसके पहले खेती-किसानी करती थी। महिलाओं के समूह से जुड़ने के बाद मैं कृषि मित्र बनी और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान धमतरी में ट्रेनिंग ली। उसके बाद ही मेरा काम शुरू हुआ। शुरुआत में लगता था कि कृषि मित्र बनकर किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करना ही काम है, लेकिन कुछ समय बाद लगने लगा कि काम तो बहुत है बस लोगों को उससे जोड़ना है। उसके बाद ही काम शुरू किया।
अब स्किल ट्रेनर बनकर दे रही ट्रेनिंग
गुलेश्वरी ने साल 2019 में मशरूम कल्टीवेशन की भी ट्रेनिंग ली और साल 2020 में कई जिलों में जाकर महिला किसानों के साथ ही पुरुषों को भी ट्रेनिंग देने लगीं। कृषि मित्र बनकर काम शुरू किया और मशरूम लगाने की नई तकनीक लोगों को सिखाने लगी। इसके अलावा नर्सरी बनाने और वर्मी कंपोस्ट बनाने का भी प्रशिक्षण देने लगी।
इन जिलों में दी ट्रेनिंग
गुलेश्वरी ने रायपुर के अलावा जशपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, कांकेर, नारायणपुर, दुर्ग, धमतरी में जाकर सैकड़ों लोगों को प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा जिले में लगने वाले कई मेलों में जाकर महिला समूहों के बनाए उत्पादों की बिक्री भी करती हैं। गुलेश्वरी घर पर ही अगरबत्ती और साबुन बनाना भी सिखाती हैं। वे कहती हैं कि सालभर में इतना कमा लेती हूं कि अपने बच्चों को अच्छा जीवन देने के साथ ही उन्हें उच्च शिक्षा भी दिला सकूं।