She News: बेसहारा जानवरों को घर देने की मुहिम में जुटीं सहेलियां, जानें तीन सहेलियों के बारे में..

बेसहारा जानवरों की समस्या एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। हर शहर और मोहल्ले में ये बेसहारा डॉग्स व कैट्स हमारे बीच घूमती रहती हैं, जिनके पास न तो कोई घर है और न ही कोई परिवार। इसे देखते हुए बेंगलूरु की तीन सहेलियों सुभाश्री माधवन, सिंधुजा कृष्णकुमार और स्वाति रेनुगोपाल ने इन जानवरों के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है।
सुभाश्री कहती हैं हमने पिछले चार सालों में बेंगलूरु, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, और कोयंबटूर में 150 से अधिक बेसहारा डॉग्स और बिल्लियों को घर दिया है। इसके लिए उन्होंने विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया, जिससे लोगों को इन जानवरों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना है, कॉलेज के समय में हमने पशु कल्याण के लिए काम करने वाले स्वयंसेवकों के साथ जुड़कर इन मुद्दों को गहरे से समझा है।

बच्चे भी बनते हैं जिमेदार, मोबाइल से बनती दूरी
सुभाश्री कहती हैं कि हम लोगों को बताते हैं कि इन बेसहारा जानवरों को अपने परिवार का हिस्सा बनाकर वे न केवल मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं बल्कि इससे बच्चों को वे जिमेदार बना सकते हैं। वह कहती हैं कि बच्चों का इन एनिमल्स से लगाव होने पर वे मोबाइल व टीवी से दूर होंगे साथ ही इनके काम करने से वे जिमेदारी निभाना सीखते हैं। वहीं डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए इनका साथ बेहतर होता है। इन जानवरों के साथ खेलने, इन्हें खाना खिलाने से खुशी के हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे मूड फ्रेश व खुश होता है। अकेलापन महसूस करने वाले व्यक्तियों के लिए यह अच्छे साथी होते हैं। हम लोग यह भी ध्यान रखते हैं कि केवल जरूरतमंद लोग ही इन्हें पालें। बीमार या समय न देने वाली फैमिली को इन्हें नहीं देते हैं।
ट्रेनिंग से व्यवहार में आता बदलाव
उन्होंने 8 महीने की रिसर्च में पाया कि विदेशी लोग अपने पैट्स के साथ योग, डांस जैसी गतिविधियां कर खुश रहते हैं। फिर हमने भी पहले स्ट्रीट एनिमल्स को ट्रेंड करने का निर्णय लिया, ताकि वे भी ऐसे माहौल में ढल सकें। 2020 में उन्होंने एक संस्था की शुरुआत की और स्ट्रीट एनिमल्स को लाकर प्रशिक्षण देना शुरू किया। हमने देखा कि लोग ट्रेंड एनिमल्स को पहले गोद लेना चाहते हैं। उन्हें एनिमल्स को पालने में ज्यादा समस्या नहीं होती है।