सावन की पहली झड़ी में गंगरेल बांध लबालब, प्रदेश में आज कल झमाझम बारिश की चेतावनी
20 जुलाई तक जिले के चारों बांध डेड स्टोरेज में थे। यानी इन बांधों में 10 से 15 फीसदी ही जलभराव था। 21 से 23 जुलाई के बीच 3 दिनों की झड़ी ने बांधों को बड़ी राहत दी है। जिले के चारों बांधो में 13. 562 टीएमसी पानी की आवक हुई।
सबसे ज्यादा गंगरेल में 8.410 टीएमसी, मुरुमसिल्ली में 2.179 टीएमसी, दुधावा में 1.641 टीएमसी और सोंढूर में 1.332 टीएमसी पानी पहुंचा। हालांकि अभी भी इन बांधों को पूरा भरने में अच्छी बारिश की जरूरत है, लेकिन धीरे-धीरे ही सही पर बांधों की हालत सुधर जरूर रही है। चारों बांधों में पानी की अभी भी आवक जारी है। गंगरेल में 66 हजार क्यूसेक, मुरुमसिल्ली में 15 हजार 682 क्यूसेक, दुधावा में 5 हजार 194 और सोंढूर में 3 हजार 565 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है।
अबतक 503 मिमी औसत वर्षा
धमतरी जिले में जून सूखा बीता। जुलाई के 20 दिन खंड वर्षा के चलते अच्छी बारिश नहीं हुई। शनिवार से बारिश का दौर शुरू हुआ, जो अभी भी जारी है। रुक-रुककर हो रही बारिश से किसानों सहित आम नागरिकों ने राहत की सांस ली है। अच्छी बारिश से अबतक जिले में 503.4 मिमी औसत बारिश हो चुकी है। नगरी में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। बेलरगाव, कुकरेल के बाद धमतरी अच्छी बारिश के मामले में चौथे नंबर पर है। कुरूद में अबतक 374 मिमी, मगरलोड में 382 मिमी औसत बारिश हुई है।
बारिश के 3 सिस्टम सक्रिय
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने कहा कि एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण झारखंड और सके आसपास स्थित है, तथा यह 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर बीकानेर, सीकर, ग्वालियर, खजुराहो, रांची, दीघा से उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। एक विंड शियर जोन 22 डिग्री उत्तर में 3.1 किमी से 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में 24 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।