गोल्डन डबल: भारतीय पुरुष-महिला टीम ने रचा इतिहास, पहली बार स्वर्ण पदक जीते
बुडापेस्ट. भारत की महिला और पुरुष टीम ने रविवार को 45वें चेस ओलंपियाड में इतिहास रचते हुए पहली बार ओपन वर्ग में खिताब अपने नाम कर लिया।
भारतीय पुरुष टीम टूर्नामेंट में अजेय रही और उसने 11वीं तथा आखिरी बाजी में दमदार प्रदर्शन करते हुए स्लोवेनिया को 3.5-0.5 से शिकस्त दी। इस मैच में डी गुकेश, प्रग्गनानंदा और अर्जुन एरिगेसी ने शानदार खेल दिखाते हुए जीत दर्ज की। वहीं, महिला वर्ग में भारत ने आखिरी मैच में अजरबैजान को 3.5-0.5 से करारी शिकस्त देकर खिताब अपने नाम कर लिया।
भारतीय पुरुष टीम ने टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए खिताब अपने नाम किया है। भारत ने कुल 11 बाजियां खेलीं और 10 में जीत हासिल की। भारतीय टीम ने सिर्फ एक बाजी उज्बेकिस्तान के साथ ड्रॉ खेली, जो पिछली बार की चैंपियन थी।
महिला टीम का दबदबा : भारतीय महिला टीम में डी हरिका, दिव्या देशमुख, आर वैशाली, वंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेवा थीं। 11वीं व अंतिम बाजी में अजरबैजान के खिलाफ हरिका, दिव्या और वंतिका ने जीत हासिल की।
भारतीय टीम ने पदक का रंग बदला भारतीय पुरुष टीम चेस ओलंपियाड में अब तक दो बार 2014 और 2022 में कांस्य पदक जीत चुकी है। हालांकि कोरोना काल के दौरान 2020 में चेस ओलंपियाड ऑनलाइन खेला गया था और तब भारत ने रूस के साथ संयुक्त रूप से स्वर्ण पदक साझा किया था। वहीं, भारतीय महिला टीम ने 2022 में कांस्य पदक जीता था और इस बार उन्होंने पदक का रंग गोल्ड में बदल दिया।