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Health Update: 130 नहीं, 100 से नीचे हो बैड कोलेस्ट्रॉल, दिल के मरीजों का होना चाहिए 55 से नीचे, देखें नई गाइडलाइन

नई दिल्ली/भोपाल. देश में अब 130 नहीं बल्कि 100 से कम बैड कॉलेस्ट्रॉल वाले लोग ही स्वस्थ माने जाएंगे। कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया ने पहली बार भारतीयों के लिए नए रिस्क फैक्टर तय किए गए हैं। अब तक एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल की जांच पश्चिमी देशों के मापदंड के तहत होती थी। इसे खारिज करते हुए कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआइ) ने नई गाइड लाइन तय की है।

भारत में हार्ट अटैक के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल का स्तर) को माना जाता है। खास बात है कि यह देश के 80% लोगों में नॉर्मल नहीं है। वहीं ज्यादातर लोग अपनी लिपिड प्रोफाइल से बेखबर हैं। देश में 50% हार्ट अटैक के मामलों का यही कारण है। एम्स, भोपाल के जैव रसायन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डा. सुखेश मुखर्जी ने बताया कि नई रेंज के तहत अलग-अलग रोगों के लिए रोगियों की सही पहचान हो सकेगी। इससे सही इलाज मिल सकेगा।

एम्स तय कर रहा जांच के नए लेवल :

देश में डायबिटीज, लिपिड प्रोफाइल, कोलेस्ट्रॉल, बीपी और थायराइड समेत अन्य बीमारियों के लिए नए लेवल तय किए जा रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आइसीएमआर) के रेफरेंस इंटरवेल प्रोजेक्ट के तहत एम्स भोपाल समेत देश के 14 सेंटर भारतीयों के यह नया बेंचमार्क तय कर रहा है। अभी यूएसए और यूरोपीयन रेफरेंस रेंज (रोगों के पैमाने) के हिसाब से देखा जाता है।

यह हैं नए पैमाने…

स्वस्थ व्यक्ति में कोलेस्ट्रॉल का लेवल 100 से नीचे होना चाहिए। यह अब तक 130 था।

कार्डियक डिजीज, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को 70 से नीचे कोलेस्ट्रॉल का लेवल रखना होगा।

दिल के मरीजों को कोलेस्ट्रॉल का लेवल 55 से नीचे रखना होगा।

लिपिड प्रोफाइल जांच खाना खाने के बाद होगी। पहले यह खाली पेट होती थी।

40 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को एक-दो साल के अंतराल में जांच करानी चाहिए।

परिवार में किसी को हार्ट अटैक आया है या आनुवंशिक रोग रहा है तो किसी भी उम्र में लिपिड प्रोफाइल की जांच कराई जानी चाहिए।

भारतीयों को खतरा अधिक

एक भारतवासी और एक अमरीकी में कोलेस्ट्रॉल का लेवल एक जैसा है तो भी दिल की बीमारी का ज्यादा खतरा भारतवासी में होगा। भारतीयों में कोलेस्ट्रॉल के सब पार्ट माइक्रो एलडीएल की मात्रा ज्यादा होती है, ऐसे में दिल की बीमारी का खतरा भी अधिक रहता है। वे लोग जिनमें कोलेस्ट्रॉल लेवल कम बढ़ा हुआ होता है। उन्हें डाइट से इसे कंट्रोल करना जरूरी है। एक बार बढ़ गया जो समस्याएं बढ़ेंगी।

-डॉ. किसलय श्रीवास्तव, कार्डियोलॉजिस्ट, भोपाल

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।

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