ICSE results 2025: 10वीं-12वीं परीक्षा के रिजल्ट जारी, रायपुर के टॉपर्स ने बताए सफलता के मंत्र

रायपुर. राजधानी के विद्यार्थियों ने आईसीएसई 10वीं-12वीं परीक्षा में न केवल 98% से अधिक अंक अर्जित किए, बल्कि अपनी रुचियों, सोच और मेहनत के दम पर मिसाल भी कायम की। किसी ने पेंटिंग में ध्यान लगाया तो किसी ने शतरंज से रणनीति सीखी, तो किसी ने बिना कोचिंग के खुद को साबित किया।

इन टॉपर्स की सफलता में सिर्फ नंबर ही नहीं, व्यक्तित्व और दृष्टिकोण भी शामिल हैं। विशेषज्ञ अभिषेक खंडेलवाल के अनुसार, इस बार दसवीं मैथ्स और फिजिक्स के पेपर थोड़े लेंदी होने से कई विद्यार्थियों का रिजल्ट 1-2 प्रतिशत तक प्रभावित हुआ। हर साल 30 से 35 छात्र 96-98% स्कोर करते थे, इस बार 94-96% पर रह गए। वहीं 12वीं के पेपर इस बार पूरी तरह स्कोरिंग रहे।

पापा संग शतरंज खेल दूर करती थी स्ट्रेस

श्रीगर गुढ़ियारी निवासी निशी माहेश्वरी ने 98.4% अंकों के साथ 10वीं में टॉप किया। खास बात यह रही कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी से यह मुकाम हासिल किया। निशी को चेस खेलने का शौक है और उनका मानना है कि इस खेल ने उनकी सोचने की क्षमता और निर्णय लेने की ताकत को निखारा। वे कहती हैं पापा ने मुझे चेस खेलना सिखाया। जब भी वक्त मिलता है हम दोनों खेलते हैं। इंग्लिश लिटरेचर, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, और हिस्ट्री-सिविक्स में मुझे अंक प्राप्त हुए हैं। परीक्षा से पहले एक महीने तक रोजाना 12 घंटे की पढ़ाई और बैलेंस रूटीन मेरी सफलता की चाबी रही।

आगे क्या: साइंस स्ट्रीम (पीसीएम) से आगे पढ़ाई करेंगी।

पैरेंट्स: प्रियेश माहेश्वरी- स्वाति माहेश्वरी

गणित के साथ-साथ पेंटिंग में दक्षता

डीडीयू नगर की सौया सोनी ने दसवीं में 98.2% अंक अर्जित किए और मैथ्स, बायो, केमेस्ट्री और हिस्ट्री-सिविक्स में शत-प्रतिशत अंक हासिल किए। वह खाली समय में पेंटिंग करती हैं, जो उनके लिए एक मेडिटेशन की तरह है। सौया ने आरएमओ (मैथ्स ओलंपियाड) क्वालिफाई किया है। उनकी मां सावित्री सोनी मेडिकल ऑफिसर हैं और पिता डॉ. सोमनाथ सोनी डीआरडीओ में जॉइंट कंट्रोलर हैं। उनका बड़ा भाई एस भुवनेश्वर में थर्ड ईयर का छात्र है।

आगे क्या: बायोलॉजी स्ट्रीम से आगे पढ़ाई करेंगी।

पैरेंट्स: सोमनाथ सोनी- सावित्री सोनी

लॉ की दुनिया के भविष्य, डिबेट से मिली दिशा

गोविंद खेतपाल ने बारवहीं में 98.75% अंकों के साथ परीक्षा पास की है। इससे पहले क्लैट में एआईआर 270 भी हासिल की। डिबेट में रुचि रखने वाले गोविंद कहते हैं, मैंने नींद काटकर नहीं, बल्कि क्लास में ध्यान देकर पढ़ाई की। उन्होंने केमेस्ट्री और कंप्यूटर साइंस में 100 में 100 अंक प्राप्त किए। उनका कहना है कि मोबाइल को पढ़ाई में एक टूल की तरह उपयोग करना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर वह कहते हैं एआई मानसिक शक्ति को खोखला कर रहा है, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं।

आगे क्या: लॉ की पढ़ाई करनी है।

पैरेंट्स: अजीत खेतपाल- रीता खेतपाल

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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