लड़के का सिबिल स्कोर खराब तो टूट सकती है शादी! महाराष्ट्र की घटना के बाद बदला ट्रेंड, जानिए अभी

रायपुर. टी. हुसैन. बेटियों का विवाह किसी यज्ञ से कम नहीं माना जाता। हर कोई चाहता है कि उसकी बेटी जिस तरह घर में नाजों से पली-बढ़ी, ठीक वैसा ही प्यार और अपनापन उसे ससुराल में मिले। इसलिए पैरेंट्स बिटिया के लिए न सिर्फ अच्छा वर तलाशते हैं बल्कि उनकी गुडविल भी देखी जाती है। अब इसमें एक और बात जुड़ गई है। बेटी दुल्हन बने इससे पहले परिवार वाले पतासाजी के अलावा लड़के का सिबिल (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) स्कोर भी चेक करने लगे हैं।

बीते माह महाराष्ट्र में एक शादी इसलिए टूट गई क्योंकि लड़की के चाचा ने लड़के से सिबिल स्कोर मांग लिया था। तब से यह ट्रेंड चल पड़ा है। इसके पीछे तर्क यही दिया जा रहा है कि इमारत कितनी मजबूत है इसका अंदाजा उसकी नींव से ही पता चलता है। ठीक ऐसे ही लड़के की आर्थिक स्थिति कैसी है, वह अपने सेलरी से कितनी ईएमआई भर रहा है। यह सभी जानकारी सिबिल स्कोर से पता की जा सकती है। लडक़े का ऊंचा-पूरा और गोरा होना यह पैमाना तो है, लेकिन इससे पहले आर्थिक सुनिश्चितता को तवज्जो दी जा रही है। जानकार कहते हैं कि लड़कियां हर हाल में वित्तीय सुरक्षा चाहती हैं।

ओपन डिस्कशन जरूरी

एक हैप्पी रिलेशनशिप के लिए चाहे वह लव हो या अरैंज मैरिज हो, कुछ बातों को लेकर कपल्स के बीच ओपन डिस्कशन होना ही चाहिए। जैसे कि दोनों की करेंट हैल्थ रिपोर्ट, सिबिल रिपोर्ट, दोनों का ट्रेप्रामेंट, इटिंग और ड्रिकिंग हैबिट। सक्सेलफुल मैरिज के लिए इन बातों को अवाइड नहीं किया जा सकता, बल्कि साथ मिलकर मैनेज करना चाहिए। सिबिल स्कोर से फाइनेंशियल और लायबिलिटी का पता लग सकता है। सिबिल स्कोर दोनों पक्षों का देखा जाना चाहिए।

केस 1

नया रायपुर निवासी आनंदिता की शादी भुवनेश्वर के विकास से तय हुई। विकास एक एमएनसी में कार्यरत हैं। आनंदिता ने विकास से सिबिल स्कोर मांगा। स्कोर 750 था। अच्छा स्कोर देखकर ही शादी के लिए हामी भरी। हालांकि उसने भी मेरा सिबिल चेक किया था।

केस 2

शंकर नगर की अदिति ने बताया, लड़के वाले देखने आए। सबकुछ ठीक था। लेकिन, मैं लडक़े का सिबिल देखना चाहती थी। उसने मना कर दिया। मैंने भी शादी से इनकार कर दिया। बाद में पता चला कि उसकी सैलरी सवा लाख रुपए थी लेकिन हर महीने 90 हजार ईएमआई चुका रहा था।

क्या कहता है सिबिल स्कोर

685 स्कोर या अधिक हो तो लोन मिलने के चांस ज्यादा।

750 सिबिल स्कोर को बैंक अच्छा मानते हैं।

इसमें नाम, जन्म की तारीख, लिंग, पहचान सब होती है।

कितना लोन लिया, कितना चुकाया, सब का उल्लेख।

यदि लोन नहीं लिया, सिर्फ पूछताछ भी तो पता चलता है।

खराब सिबिल स्कोर को तीन साल के मंथली रिकॉर्ड में सुधार कर स्कोर सुधारा भी जा सकता है। -प्रिया जैन, लीगल एडुकेटर

कई बार देखने में आता है कि लड़का बंगला-गाड़ी और शान-ओ-शौकत दिखाता है लेकिन बाद में पता चलता है वह कर्ज तले दबा हुआ है। इसलिए सिबिल की जांच बहुत जरूरी है। हो सकता है लड़के पक्ष को बुरा लगे लेकिन हमेशा के लिए परेशानी आए इससे बेहतर पहले ही सबकुछ क्लियर किया जाए। -प्रदीप गोविंद शितूत, मैरिज एडवाइजर

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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