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ठंड से ठिठुरे भगवान, इस मंदिर में राम-सीता और लक्ष्‍मण की प्रतिमा को ओढ़ाई गई गर्म शाल

छत्‍तीसगढ़ के कवर्धा जिले में ठंड बढ़ गई है। ऐसे में ठंड का असर इंसान और जानवरों पर ही नहीं देखा जा रहा है, बल्कि देवी-देवताओं पर भी इसका असर देखा जा रहा है। दरअसल, कवर्धा के श्रीराम जानकी मंदिर में विराजत भगवान श्रीराम, भ्राता लक्ष्मण और माता सीता की मूर्तियों को ठंड न लग जाए, इसलिए पुजारी ने उन्हें ऊनी साल ओढ़ा रखा है। इसके अलावा मंदिर में बाल गोपाल श्रीकृष्ण सहित कई अन्य मूर्तियों को भी आकर्षक स्वेटर व शाल पहनाया गया है।

मंदिर में प्रतिदिन शाम सात से सुबह महाभिषेक तक भगवान को शाल ओढ़ाए रखा जाता है और जैसे ही ठंड कम होती है, शाल व गर्म कपड़े निकल दिए जाते हैं। अब घरों में भी भगवान के प्रति ऐसा प्रेम देखने को मिलता है। बाल गोपाल को श्रद्धालु ठंड न लगे इसलिए उन्हें गर्म कपड़े पहनाते हैं।

पुजारी की मानें तो श्रद्धा, आस्था और भक्ति के साथ हर साल भक्त भगवान को ठंड में ऊनी वस्त्र चढ़ाते हैं। ऐसी परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। यहीं नहीं, गर्मी के दिनों में एसी तक चलाया जाता है और ठंड के दिनों में शाम होते ही भगवान को कंबल और स्वेटर पहना दिया जाता है।

चिल्फीघाटी में सैलानियों की संख्या बढ़ी
प्रदेश में कबीरधाम जिला ज्यादा ठंड के नाम से भी जाना जाता है। कबीरधाम जिले का 70 प्रतिशत हिस्सा जंगल क्षेत्र में आता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस जिले में सभी मौसम का अलग ही मजा है। वर्तमान में ठंड को देखते हुए चिल्फीघाटी में सैलानियों की संख्या बढ़ गई है। विभिन्न राज्य के अलावा विदेश से भी पर्यटक यहां पहुंच रहे है। चिल्फीघाटी के पास सरोदा दादर, पीड़ाघाट, रानीदहरा जलप्रपात के अलावा राज्य का खजुराहो कहा जाने वाला प्रसिद्ध पुरातात्विक भोरमदेव मंदिर है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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