सिंधु जल संधि.. बिना गोली चले ही घुटनों पर आएगा पाकिस्तान

भारत ने इस बार पाकिस्तान पर ऐसा प्रहार किया है जिसकी आवाज तो नहीं आएगी पर चोट बहुत पूरे पाकिस्तान पर बहुत गहरी होना तय है। पाकिस्तान की लाइफ लाइन कही जाने वाली सिंधु और सहायक नदियों के पानी पर हिंदुस्तान का नियंत्रण होते ही वहां के लोग पानी के लिए तरस जाएंगे। इतना ही नहीं, पड़ोसी देश की 21 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या की जल जरूरतों के लिए इन्हीं नदियों पर निर्भर करती है।
पाकिस्तान पर यूं होगा गहरा असर
कृषि संकट बढ़ेगा
पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती योग्य भूमि (16 मिलियन हेक्टेयर) सिंधु नदी जल प्रणाली के पानी पर पूरी तरह निर्भर है।
इस पानी का 93 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसके बिना खेती असंभव है।
सिंधु जल समझौते के स्थगित होने पर पाकिस्तान में खाद्य उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे लाखों लोगों की खाद्य सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।

पानी की किल्लत
सिंधु समझौते से मिलने वाले पानी से पाकिस्तान के करीब 21 करोड़ लोगों का भरण-पोषण होता है। इसमें पाकिस्तान की सिंधु बेसिन की 61 फीसदी आबादी शामिल है।
सिंधु और उसकी सहायक नदियों से पाकिस्तान के प्रमुख शहर लाहौर, कराची और मुल्तान निर्भर हैं।
पाकिस्तान की शहरी जल आपूर्ति रुक जाएगी, जिससे अशांति फैलेगी।
पाकिस्तान पहले ही बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनवा में बगावत का सामना कर रहा है। यह बढ़ेगी।
उर्जा संकट बढ़ेगा
सिंधु और झेलम नदियों पर पाकिस्तान ने कई हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बना रखे हैं। जल आपूर्ति में रुकावट से बिजली उत्पादन घटेगा जिससे देश में ऊर्जा संकट और ज्यादा भयानक रूप ले सकता है।
पाकिस्तान के तरबेला और मंगला जैसे पॉवर प्रोजेक्ट इस नदी पर निर्भर करते हैं।
बिजली उत्पादन ठप हो जाएगा, जिससे उद्योग और शहरी इलाकों में अंधेरा छा जाएगा।
भारत को क्या होगा लाभ
भारत ने पहली बार इतना सख्त निर्णय लिया है। यह फैसला दर्शाता है कि अब भारत पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान से संबंध अब निर्णायक मोड़ पर हैं।
क्यों यह फैसला है ऐतिहासिक?
1 भारत ने हाल में किशनगंगा और रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं में तेजी लाई है। इनमें मदद मिलेगी।
2 भारत नई बिजली परियोजनाएं शुरू कर सकता है, जिससे बिजली उत्पादन को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
3 भारत अब नई सिंचाई योजनाओं का विस्तार कर सकता है, जिससे कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।