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इसरो ने तैयार किया व्योममित्र की खोपड़ी का डिजाइन

बेंगलूरु. ऐतिहासिक गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) गगनयान मिशन से पहले जिस मानव रोबॉट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजेगा, उसकी खोपड़ी का डिजाइन तैयार कर लिया गया है। इसरो की तिरुवनंतपुरम टीम ने महिला रोबॉट व्योममित्र के लिए खोपड़ी का डिजाइन तैयार किया है।

इसका वजन 800 ग्राम है और माप 200 गुणा 220 मिमी है। यह खोपड़ी अंतरिक्ष में दबाव और कंपन को सहन करने के लिए उच्च शक्ति वाले एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बनाई गई है। इसका ग्राउंड क्वालिफिकेशन परीक्षण पूरा हो चुका है।

उड़ान प्रणाली का निर्माण हो चुका है और स्वीकृति परीक्षण अभी प्रगति पर है। व्योममित्र गगनयान मिशन में उड़ान भरने वाली अर्ध-मानव की तरह है। व्योममित्र असल में आधा ह्यूमनॉइड है। यह इंसान के शरीर के ऊपरी भाग जैसा होगा। जिसमें इंसानों जैसे हाथ, चेहरा और गर्दन भी होगी।

व्योममित्र अंतरिक्ष यात्रियों की तरह काम करेगी। यह गगनयान के क्रू मॉड्यूल को पढ़ेगी और जरूरी निर्देशों को समझेगी। इसके साथ ही यह ग्राउंड स्टेशन में मौजूद वैज्ञानिकों और मिशन की टीम से सम्पर्क कर बात करेगी। इस मानवरहित मिशन के नतीजों से ही इंसानों के अंतरिक्ष में जाने का रास्ता खुलेगा। इसके पीछे का उद्देश्य मानव शरीर पर अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों पर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करना है। इससे वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित और आरामदायक उड़ान के लिए अंतरिक्ष कैप्सूल को डिजाइन करने में मदद मिलेगी।

परीक्षण उड़ान दिसंबर में!

इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ का कहना है कि ‘गगनयान’ के लिए मानव रेटेड रॉकेट की पहली परीक्षण उड़ान दिसंबर 2024 में होने की उम्मीद है। इसके तीन चरण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में आ गए हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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