She News: संगीत सीखा, अब नई पीढ़ी को सिखाएंगी दृष्टिबाधित रूपवर्षा
टी हुसैन. सुबह-सुबह राजधानी के मोहल्लों में एक गाना सुनाई देता है- मोर अंगना-मोर द्वारी, स्वच्छता है मोर चिन्हारी। स्वच्छ रायपुर होही हमर। मोर रायपुर- मोर जिम्मेदारी। यह छत्तीसगढ़ी गीत जिसे दृष्टिबाधित रूपवर्षा, वसुंधरा, सुमन, छाया और जागेश्वरी ने गाया है। मुख्य गायिका रूपवर्षा एक कार्यक्रम में शामिल होने रायपुर आईं थीं।
बातचीत में उन्होंने बताया कि जब मैं 11वीं में थी तब यह गीत रिकॉर्ड किया गया था और बारहवीं के दौरान वीडियो शूट हुआ था। जब वीडियो आया तब लोगों को पता चला कि इसे गाने वाले हम लोग हैं। उस समय अंदाजा नहीं था कि यह गीन इतना पॉपुलर हो जाएगा। इसका हिंदी वर्जन जावेद अली ने गाया है। इस गीत से हमें काफी प्रसिद्धि मिली। हमें कई कार्यक्रमों में बतौर गेस्ट बुलाया जाने लगा। बड़े मंचों पर भी हमने कई कार्यक्रम दिए।
इसलिए म्यूजिक टीचर बनना चाहती हूं
मैं इन दिनों शास्त्रीय संगीत में मास्टर्स कर रही हूं। आगे मैं बच्चों को क्लासिकल की ट्रेनिंग दूंगी। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि जब स्कूल में थी तब म्यूजिक टीचर तो थे लेकिन शिक्षकाें की कमी चलते दूसरे सब्जेक्ट के टीचर को जिम्मेदारी दी जाती थी। उस समय हम लोग अपने क्लास के बच्चों को सिखाया करते थे। वहां से मुझे टीचिंग का शौक आया।
ऐसे तैयार हुआ था सीजी वर्जन
रूपवर्षा ने बताया कि छत्तीसगढ़ की कुछ लाइनें अनुराग सर ने बनाई थी, लेकिन जब स्टूडियो गए तो प्रिंसिपल अशोक सर ने इस गाने को लिखने और बनाने में उनका बड़ा हाथ रहा। हमारा यह गाना प्रिंसिपल के जरिए विविध भारती तक पहुंचा।