ट्रस्ट की जमीन को बेचने के मामले में महंत राम आशीष दास ने कहा- मेरी छवि को खराब किया जा रहा…
राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित व वह 100 साल पुराना ठाकुर रामचंद्र जैतू मठ की की बेस्ट कीमती जमीन का बंदर बांट होने का मामला प्रकाश में आया है। पिछले महीने प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में एक कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश जैन ने धरमपुर सहित राजधानी से लगे कई गांव में ट्रस्ट की जमीन को महंत राम आशीष दास ने कागज और दस्तावेजों में कूट रचना व जालसाज करके लाखों करोड़ रुपए बंदरबांट करने का आरोप लगाया था।
बुधवार को महंत साइड्स ने प्रेस कांफ्रेंस करके पत्रकारों को बताया कि भू माफिया अखिलेश जैन ने मुझ पर ट्रस्ट की जमीन को बेचने का आरोप लगाया है वह सब दुर्भावना और बुनियाद है। प्रमाणित दस्तावेज उनके पास नहीं है इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाकर मेरा छवि को खराब किया जा रहा है यदि मेरे द्वारा किसी तरह की जमीन को फर्जी तरीका से बेचा गया हूं तो न्यायालय में जाए और कानूनी लड़ाई लड़े न्यायालय का दरवाजा सभी के लिए खुला है अखिलेश जैन न्यायालय क्यों नहीं जाता सिर्फ मीडिया में अनारकल बयान देकर कुछ लोगों को खुश कर रहा है।
उन्होंने कहा अधिकार अभिलेख वर्ष 1954 55 में ठाकुर रामचंद्र स्वामी जयतु साहू मैथ के नाम पर ग्राम धर्मपुर में कुल खसरा 25 कल रखवा 154 एकड़ दर्जाती किंतु वर्तमान में केवल कुल खसरे 20 तथा रकबा 770 एकड़ की शेष है अखिलेश जैन द्वारा या तथ्य क्यों छुपाया जा रहा है ठाकुर रामचंद्र स्वामी जाटू साहू मैथ की 770 एकड़ जमीन को किसने बेचा और किस किसने खरीदा इसको नहीं बताया।
ठाकुर रामचंद्र स्वामी जैतून साव मठ के बायलाज एवं ट्रस्ट पंजीयन के अनुसार वर्तमान सरवोकारअपना उत्तराधिकारी नियुक्त करेगा मठ की स्थापना के समय तत्कालीन सरकार महंत लक्ष्मी नारायण दास जी द्वारा अपना उत्तराधिकारी दिनांक 2 11 1972 को महंत रामदास जी को पंजीकृत सरकार हस्तांतरण विलेख दिनांक 16 2 1981 संलग्न तथा निजी संपत्ति का पंजीकृत वसीयत दिनांक 6 11 1979 के माध्यम से अपना उत्तराधिकारी सरकार नियुक्ति किया गया था तथा पंजीकृत दस्तावेज और बताओ गवार लैट्रिन कलेक्टर जिला रायपुर अजीत जोगी एवं तत्कालीन पंच कमेटी के सदस्यों श्री नारायण दास अग्रवाल शंभू दयाल शुक्ला श्री राम विकास राम विशाल पुराणिक तथा घनश्याम प्रसाद तिवारी के हस्ताक्षर है पंच कमेटी की बैठक दिनांक 6 2 1981 को महंत लक्ष्मीदास के शिष्य श्री राम भूषण दास को ठाकुर रामचंद्र स्वामी जयतु सवमठ के उत्तराधिकारी महंत सरकार का पदभार ग्रहण कर कर उनके नए दायित्व को सर्वसम्मति से स्वीकृत कराया गया।