विवादों में रही ममता चंद्राकर के हटते ही खैरागढ़ में दिवाली जैसा जश्न, जानिए क्या-क्या लगे थे आरोप
लगातार विवादों से घिरी रहीं इंदिरा कला संगीत विवि की कुलपति मोक्षदा ममता चंद्राकर को आखिरकार शुक्रवार दोपहर को हटाने के आदेश जारी हो गए। राजभवन से जारी आदेश में सीधे तौर पर ममता चंद्राकर को कुलपति पद से हटाए जाने के लिखित आदेश जारी किए गए। पिछले भूपेश सरकार में 2020 में ममता चंद्राकर को संगीत विवि का कुलपति नियुक्त किया गया था जिसके बाद से वे लगातार विवादों में रहीं।
संगीत विवि में मनमानी, भ्रष्टाचार, मुख्य कर्मचारियों को हटाकर लूप लाइन के कर्मियों को उपकृत करने, विवि के नैक ग्रेड में ए से सी होने सहित तमाम विवाद और विरोध लगातार चलता रहा। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही ममता चंद्राकर का विरोध लगातार बढ़ रहा था। शहर के लोगों के साथ विवि के पुराने कर्मी और छात्र रहे लोग भी चंद्राकर की विवादित कार्यप्रणाली का मुखरता से विरोध कर रहे थे। इसको लेकर आंदोलन सहित अन्य तैयारी भी थी।
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत शिक्षक बीआर यादव चंद्राकर की नियुक्ति को ही पूरी तरह गलत बताते पखवाडे़ भर से अनशन पर बैठे थे। शुक्रवार दोपहर बाद कुलपति को हटाने का आदेश जारी होते ही शहर मे खलबली मच गई। दुर्ग संभाग कमिश्नर सत्यनारायण राठौर को फिलहाल कुलपति के प्रभार पद को संभालने के आदेश जारी किए गए है। शाम पांच बजे शहर पहुँचे कमिश्नर राठौर ने संगीत विवि के प्रशासनिक भवन पहुँचे शाम छह बजे पदभार ग्रहण किया।
खुशी ऐसी कि होली और दिवाली मनी
कुलपति के रूप में पदस्थ रहीं ममता चंद्राकर के हटाए जाने के आदेश के बाद ही शहर में इसको लेकर होली और दिवाली मनाई जाने लगी। आदेश की जानकारी होते ही शहर के आम्बेडकर चौक, गोलबाजार, बस स्टैण्ड, पुराना विवि परिसर के सामने सहित कई जगहों पर जमकर पटाखे फोड़े गए। उत्साही युवा प्रशासनिक भवन के सामने भी ढोल नगाड़ों के साथ पटाखे फोड़ने लगे। जिसे प्रशासनिक अधिकारियों ने बंद कराया।
प्रभार लेने के बाद भी शाम को जमकर आतिशबाजी और होली का माहौल शहर में बना रहा। अनशन पर बैठे सेवानिवृत शिक्षक बीआर यादव ने भी आदेश के बाद अपना अनशन खत्म किया और अनशन स्थल पर ही जमकर पटाखे फूटे। ममता चंद्राकर पहली ऐसी कुलपति रहीं जिनके हटने के बाद शहर में होली और दीवाली सा माहौल दिखा। इससे पहले इतिहास में किसी कुलपति का ऐसा विरोध नहीं हुआ।