RTE ऑनलाइन आवेदन में कई परेशानियां.. न मिल रहा रजिस्ट्रेशन नंबर, न दिखा रहा स्कूलों की लिस्ट
छत्तीसगढ़। RTE Online Apply date: शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत जिले के निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत रिजर्व सीट में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए अभिभावक च्वाइस सेंटर पहुंच रहे हैं और ऑनलाइन आवेदन भी कर रहे हैं। लेकिन इस बार अभिभावकों को सर्वर के चलते एक नई तरह की परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
दरअसल ऑनलाइन आवेदन करने के बाद अंतिम में जो रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है, वह नंबर नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते आवेदन का प्रिंट आउट नहीं मिल पा रहा है। प्रिंट आउट ही इस बात का प्रमाण रहता है कि ऑनलाइन आवेदन हो चुका है।
बाद में सभी दस्तावेजों के साथ नोडल अधिकारी के पास उक्त प्रिंट आउट को संलग्न कर जमा करना होता है। लेकिन रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिलने से अभिभावकों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। इसके लिए च्वाइस सेंटरों के द्वारा दो से चार दिन तक रूकने की बात कही जा रही है कि हो सकता है कि उनके मोबाइल में बाद में मैसेज आ जाएगा। इसके बाद भी मैसेज नहीं आने पर डीईओ ऑफिस जाने की सलाह दी जा रही है, जहां ही रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा।
अगर आपके साथ ही ऐसा हुआ है कि ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अंत में इसी तरह रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिल पाया है तो इसके लिए आपको जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय तक दौड़ लगानी पड़ेगी। यहां जिस बच्चे के नाम से आवेदन भरा गया है, उसका आधार नंबर देना होगा तब यहां से आपको रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा।
इस संबंध में डीईओ कार्यालय के आरटीई खंड प्रभारी आशुतोष ठाकुर ने बताया कि पोर्टल के सर्वर में कई बार तकनीकी समस्या के चलते इस बार हो रहा है। लेकिन इसमें डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि आवेदन हो चुका है। रजिस्ट्रेशन नंबर यहां से दिया जा रहा है। इसके लिए संबंधित बच्चे का आधार नंबर जरूरी है।
कई स्कूलों के नाम भी गायब
इसके अलावा आवेदन करते समय अभिभावकों को आरटीई के पोर्टल में ढुंढने में कई स्कूलों के नाम नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में मनचाहे स्कूलों का ऑप्सन चयन नहीं कर पा रहे हैं। स्कूल का चयन आवेदन करते समय ही करना होता है कि आप अपने बच्चे को किस स्कूल में दाखिला कराना चाहते हैं, लेकिन स्कूल का नाम नहीं दिखने से परेशानी बढ़ रही है।
456 स्कूल रजिस्टर्ड
जांजगीर-चांपा जिले में 456 निजी स्कूल आरटीई में रजिस्टर्ड हैं जहां नर्सरी, केजी वन और क्लास वन की कुल 25 प्रतिशत सीटों में 4000 बच्चों को प्रवेश देना है।