नए साल पर मोहन सरकार की जनता को नई सौगात, आज से लागू हुई ये नई सिस्टम
साल 2024 के पहले दिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की नवागत सरकार प्रदेशवासियों को नई सौगात देने जा रही है. आज से प्रदेश के सभी 55 जिलों में साइबर तहसील की शुरुआत होने जा रही है. इस व्यवस्था के बाद प्रदेश के किसी भी जिले में एग्रीकल्चर भूमि की बगैर बंटान वाली रजिस्ट्री होते ही 15 दिन में नामांतरण स्वत: हो जाएगा.
साइबर तहसील के चार प्लेटफार्म
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) इस नई व्यवस्था शुभारंभ खरगोन (Khargone) के नवग्रह मेला ग्राउंड में आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान करने जा रहे हैं. कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी वर्चुअली जुड़ सकते हैं. साइबर तहसील में पंजीयन से नामांतरण तक की प्रक्रिया लागू है. साइबर तहसील को चार अलग-अलग प्लेटफार्म जैसे संपदा पोर्टल, भूलेख पोर्टल, स्मार्ट एप्लीकेशन फार रेवेन्यू एप्लीकेशन पोर्टल और रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्ट से जोड़ दिया है.
12 जिलों में संचालित साइबर तहसील
साइबर तहसील परियोजना अभी प्रदेश के 12 जिलों में संचालित हो रही है. इन जिलों में दतिया, सीहोर, इंदौर, सागर, डिंडौरी, हरदा, ग्वालियर, आगर मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा और उमरिया जिला शामिल हैं. साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मप्र भू राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील स्थापना के प्रावधान किए गए हैं.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि पीएम मोदी की मध्य प्रदेश की जनता को दी गई संकल्प-पत्र 23 की गारंटियों की पूर्ति के लिए सरकार संकल्पबध्द है. इसी कड़ी में एक जनवरी 2024 से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया गया है. बता दें सीएम ने शुक्रवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और उन्हें साइबर तहसील व्यवस्था के लोकार्पण का न्यौता दिया था.